
अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि चुनाव के नतीजों में यदि ‘वो जीतते हैं’ तो वो उन्हें स्वीकार करेंगे.
साथ ही उन्होंने कहा कि नतीजे ‘साफ़-सुथरे’ हुए तो वो उन्हें स्वीकार करेंगे लेकिन यदि उन्हें लगा कि नतीजों पर ‘सवाल उठ सकते हैं’ तो उन्हें चुनाव परिणामों को क़ानूनी तौर पर चुनौती देने का अधिकार है.
ट्रंप ओहायो में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति चुनावों की आख़िरी प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद पहली बार अपनी राय ज़ाहिर की.
इससे पहले, उन्होंने चुनाव नतीजों को मानने के बारे में प्रतिबद्धता ज़ाहिर करने से मना कर दिया था.

दक्षिण कोरिया में एक व्यक्ति डोनल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन की डिबेट का प्रसारण देखता हुआ.
बुधवार रात हुई डिबेट में मध्यस्थ क्रिस वॉलेस ने ट्रंप से पूछा था कि यदि वे चुनावों में हिलेरी से हार जाते हैं तो क्या वे नतीजों को मानेंगे. इस पर ट्रंप ने कहा था कि वे ‘वक़्त आने पर ही बताएंगे.’
बाद में ट्रंप की कैंपेन मैनेजर ने साफ़ किया कि ट्रंप का मतलब था कि वे तब तक हार नहीं मानेंगे जब तक पूरे नतीजे ‘सही मायनों में सामने नहीं आते’.
हालांकि रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता उनकी इस टिप्पणी से नाराज़ हो गए थे.
ट्रंप इससे पहले चुनाव के नतीजों के बारे में कह चुके हैं कि ‘उनके ख़िलाफ़ साजिश‘ हो सकती है.

डेमोक्रेटिक पार्टी से उनकी प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि ट्रंप अमरीकी गणतंत्र का अपमान कर रहे हैं.
ट्रंप पर यौन दुराचार का आरोप लगाने वाली दसवीं महिला के सामने आने के बाद उन्होंने अपने चुनावी कैंपेन में हिलेरी की टीम पर उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश करने के आरोप लगाए थे.
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