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सिंधु जल समझौता: पाकिस्तान में पानी के लिए मचेगा हाहाकार

नयी दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव की छाया गुरुवार को 56 साल पुरानी सिंधु जल संधि पर भी पड़ी, जब भारत ने इसे रद्द करने पर विचार का संकेत दिया. अगर जल संधि तोड़ा जाता है, तो भारत से बहने वाले नदियों के पानी को पाकिस्तान की ओर जाने से रोका जा […]

नयी दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव की छाया गुरुवार को 56 साल पुरानी सिंधु जल संधि पर भी पड़ी, जब भारत ने इसे रद्द करने पर विचार का संकेत दिया. अगर जल संधि तोड़ा जाता है, तो भारत से बहने वाले नदियों के पानी को पाकिस्तान की ओर जाने से रोका जा सकता है. फिर पाकिस्तान में पानी के लिए हाहाकार मचेगा. उड़ी हमले के बाद पाक की चौतरफा घेरेबंदी में जुटे भारत ने कहा कि ऐसी किसी संधि के काम करने के लिए परस्पर विश्वास और सहयोग महत्वपूर्ण है. सरकार की ओर से यह बयान उस वक्त आया है, जब भारत में ऐसी मांग उठी है कि पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए इस जल बंटवारे समझौते को खत्म किया जाये.

सिंधु जल संधि: पानी रोका, तो पाकिस्तान पर परमाणु बम फोड़ने जैसा दबाव

यह पूछे जाने पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए क्या सरकार सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करेगी, तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि ऐसी किसी संधि पर काम के लिए यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्षों के बीच परस्पर सहयोग और विश्वास होना चाहिए. उन्होंने कहा कि संधि की प्रस्तावना में यह कहा गया है कि यह ‘सद्भावना’ पर आधारित है. फिर पूछे जाने पर कि भारत इस संधि को खत्म करेगा, तो उन्होंने कोई ब्योरा नहीं दिया. सिर्फ इतना कहा कि कूटनीति में सब कुछ बयां नहीं किया जाता. स्वरुप ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच इस संधि के क्रियान्वयन को लेकर मतभेद है.

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विकास स्वरूप ने कहा कि पठानकोट आतंकवादी हमला मामले के उलट पाकिस्तान को उड़ी आतंकी हमले में उसके नागरिकों की संलिप्तता की जांच के लिए भारत की पेशकश घटना में मारे गये आतंकवादियों के फिंगर प्रिंट और डीएनए नमूना मुहैया कराने तक सीमित होगी. एक दिन पहले ही विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर पाक की संलिप्तता के अकाट्य सबूत दिखाये थे.

पाक को आतंकी देश घोषित करने के विधेयक को गंभीरता से लेगा अमेरिका

भारत ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने के लिए अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में दो वरिष्ठ सांसदों द्वारा पेश विधेयक को गंभीरता से लिया जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने यह भी कहा कि भारत ने चीन के साथ हालिया उरी हमले और इसमें पाकिस्तान की संलिप्तता के मुद्दे को उठाया है. दो अमेरिकी सीनेटरों द्वारा पेश ‘पाकिस्तान स्टेट स्पांसर ऑफ टेररिज्म डेजिग्नेशन एक्ट ‘ पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वरुप ने कहा, ‘यह दिखलाता है कि अमेरिकी कांग्रेस में इस बात को माना गया है कि एक देश जिसे अमेरिका ने इतनी सहायता पहुंचाई है वह वास्तव में आतंकवाद का केंद्र है.

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