इनोवेशन : चिकित्सा क्षेत्र को सहूलियत देता चेन्नई का परफिंट हेल्थकेयर
चेन्नई के एस नंदकुमार की परफिंट हेल्थकेयर ने ऐसी मेडिकल डिवाइसेज विकसित की हैं, जो रोबोटिक तरीके से कैंसरकारी ट्यूमर्स की पहचान कर उन्हें हटाने में मदद करतीं हैं. दो साथियों संग मिल कर शुरू किया गया नंदकुमार का यह स्टार्टअप, चिकित्सा क्षेत्र के लिए सहूलियत का जरिया बन रहा है.
नंदकुमार एस, गुरुस्वामी के और पुहाझेंडी के ने मिल कर अक्तूबर, 2005 में परफिंट हेल्थकेर की शुरुआत की. लगभग एक दशक पहले तक ये तीनों जीई (जनरल इलेक्ट्रिकल्स) के लिए साथ काम करते थे. जीई की नौकरी छोड़ कर चेन्नई में ये साथ मिले और अपना नया उद्यम शुरू करने की योजना बनायी. फायनांस, टेक्नोलॉजी व ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में काम कर चुके इन तीन दोस्तों ने यह फैसला किया कि उनका स्टार्टअप हेल्थकेयर के क्षेत्र में डिजाइन व प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर काम करेगा. नंदकुमार बताते हैं कि हमारा इरादा अपनी कंपनी को स्वास्थ्य क्षेत्र में वह मुकाम दिलाने का है, जो सूचना तकनीक में इंफोसिस को हासिल है.
नंदकुमार आगे बताते हैं, हमने मेडिकल डायग्नोस्टिक्स से शुरुआत की. इसके साथ-साथ हम सर्जिकल मशीनें बनानेवाली कंपनियों को तकनीकी सलाह और सहायता भी देने लगे थे. धीरे-धीरे हमारी कंपनी को पहचान मिली. हमें एक्सेल पार्टनर्स से पहली फंडिंग मिली और साथ ही यह सलाह भी कि हमें अब खुद से मशीनें बनाने की शुरुआत करनी चाहिए. और दर्दनाक ट्यूमर सर्जरीज में इस्तेमाल होनेवाले भारत के पहले रोबोटिक नेविगेशन सॉल्यूशन के रूप में इसका नतीजा निकला.
नंदकुमार कहते हैं, हमारी बनायी रोबिओ और मैक्सिओ डिवाइसेज की खासियत यह है कि ये पर्सनलाइज्ड हेल्थकेयर मुहैया कराती हैं, यानी ये मशीनें अलग-अलग मरीज और उनके मर्ज के हिसाब से चिकित्सा
के अलग-अलग पैमाने पर काम करती हैं.
नंदकुमार बताते हैं, मरीज की बीमारी किस स्तर की है, उसकी पहचान कर उसके लिए कैसा इलाज सबसे मुफीद रहेगा, यह सब कुछ बतानेवाली हमारी डिवाइसेज देश में प्रचलित अन्य रोबोटिक डिवाइसेज से कहीं अधिक एडवांस्ड हैं.
कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2008 से लेकर अब तक परफिंट हेल्थकेर की 100 से ज्यादा डिवाइसेज दुनिया के कई हिस्सों में बेची जा चुकी हैं, जिनकी मदद से 10 हजार से अधिक ऑपरेशन सफल रहे हैं.
सालाना 50 प्रतिशत की वृद्धि दर से आगे बढ़ रही इस कंपनी में एक्सेल के अलावा आइडीजी वेंचर्स और नॉरवेस्ट पार्टनर्स ने भी निवेश किया है. फिलहाल परफिंट की अगली योजना 10-15 मिलियन डॉलर का निवेश और जुटा कर रोबिओ और मैक्सिओ के उन्नत वर्सन्स विकसित करने की है. कंपनी की रिसर्च टीम ऐसे उपाय तलाश रही है, जिनसे उनके रोबोटिक हेल्थकेयर सॉल्यूशंस ज्यादा उन्नत और किफायती हों, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच में आ सकें.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में रोबोट्स का इस्तेमाल लगभग दो दशकों से हो रहा है. यह अब पूरी दुनिया में काफी तेजी से बढ़ रहा है. वर्ष 2015 में सर्जिकल रोबोट्स का बाजार लगभग चार अरब डॉलर का था और एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2021 तक यह 20 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगा.