कजरी गांव के मंजूर नचवा टोला की महिलाएं घर का काम करते हुए खाली समय में कपड़े की बुनाई कर अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं. यहां की महिलाएं अल्पसंख्यक रानी महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर गांव में ही कपड़ा बुनने का व्यवसाय कर रही हैं. इसमें उनकी मदद झारक्राफ्ट कर रही है. महिलाओं के लगन को देखते हुए झारक्राफ्ट ने उन्हें प्रशिक्षण देने के बाद कपड़ा बुनाई, मशीन और कच्च माल की सुविधा दी. तैयार माल बेचने में भी झारक्राफ्ट मदद कर रहा है. झारक्राफ्ट तैयार माल को खरीद कर महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहा है.
गांव के समाजसेवी मो रियाज अंसारी ने दूसरे गांव की महिलाओं को कपड़ा बुनाई कर आत्मनिर्भर होते देखा. उनके मन में कुछ करने की योजना बनी. उन्होंने गांव की महिलाओं को जमा कर इसकी जानकारी दी. महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बना कर इसके लिए तैयार किया. झारक्राफ्ट से संपर्क किया गया. झारक्राफ्ट ने महिलाओं के उत्साह को देखते हुए यहां की महिलाओं को कपड़ा बुनाई का प्रशिक्षण दिया. उन्हें उचित संसाधन उपलब्ध कराया. इसके बाद महिलाएं घर का काम करने के बाद खाली समय में यहां काम कर अच्छी आमदनी कर रही हैं.
कल तक जो महिलाएं पैसे के लिए अपने परिवार के पुरुष सदस्यों पर आश्रित थी, आज वह खुद पैसे कमा रही हैं. इसमें मुख्य रूप से सैबुन निशा, अमीरून निशा, गुलशन बेगम, कसीरन खातून, खैरून निशा, नुरैशा प्रवीण, आइसा खातून, गुलशन खातून, जुबैदा खातून, निखत प्रवीण, अफसाना खातून, तरन्नुम आरा, तलीमन निशा, अख्तरी खातून, रजिया खातून, कुरैशा खातून, मरियम खातून आदि शामिल हैं. इसमें इनका सहयोग मो रियाज अंसारी के साथ -साथ पंचायत के मुखिया बबली पीटर होरो करते हैं.