
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कश्मीर मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
भारत प्रशासित कश्मीर में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद हिंसा और तनाव के कारण पिछले 35 दिनों से लगातार कर्फ्यू और बंद है.
बुधवार को राज्यसभा में कश्मीर पर हुई चर्चा के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की थी कि कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शुकवार को सर्वदलीय बैठक होगी और उसमें साझा नीति पर विचार किया जाएगा.
नई दिल्ली में होने वाली इस बैठक के बारे में कश्मीरी अलगाववादी गुटों का कहना है कि भारत सरकार कश्मीर में हो रहे प्रदर्शनों के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराती है, इसलिए यह बैठक महज़ एक औपचारिकता है.

भारत प्रशासित कश्मीर में सक्रिय हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस के नेता सैयद अली गिलानी ने गुरुवार को एक मार्च निकालने की कोशिश के दौरान गिरफ़्तार कर लिया गया.
गिलानी ने नरेंद्र मोदी के इस बात का खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि मुट्ठी भर लोग कश्मीर में अस्थिरता फैला रहे हैं.
सैयद अली गिलानी का कहना है, "आज प्रधानमंत्री ने दिल्ली में बैठक बुलाई है. लेकिन उन पर सिर्फ़ और सिर्फ़ पाकिस्तान का दबाव बना हुआ है. अगर इस सूरते हाल के लिए वे किसी ग्रुप को ज़िम्मेदार मानते हैं तो फिर उनको जनमत संग्रह करवाना चाहिए. फिर सब पता चल जाएगा."
कश्मीर में पिछले 35 दिनों से लगातार कर्फ्यू और बंद है. लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

पुलिस का कहना है कि इस बीच सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक मुठभेड़ की 1100 घटनाएं हुई हैं. इनमें करीब 60 लोगों की मौत हुई और 3000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
घायलों में ऐसे 400 युवा हैं जिन्हें आंखों में छर्रे या पैलेट लगे हैं.
पिछले एक महीने के दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हुई है.
बुधवार को छह घंटे की बहस के दौरान 29 सदस्यों ने कश्मीर के बारे में सुझाव दिए. इसी सत्र में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक की जानकारी दी.
इस बैठक से कश्मीर समस्या के समाधान की कितनी उम्मीद लगाई जा सकती है?

विश्लेषक और सेंट्रल यूनिवर्सिटी में क़ानून विभाग के प्रमुख डॉक्टर शेख़ शौकत हुसैन का कहना है, "राजनाथ सिंह बता चुके हैं कि जो बातचीत होगी वो पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर पर होगी. भारत प्रशासित कश्मीर के बारे में कोई बात नहीं होनी है. ऐसे बयान के बाद कोई उम्मीद नहीं कि इस सर्वदलीय बैठक से भी कोई ख़ास बात सामने आ सकती है."
हुसैन का ये भी कहना है कि मोदी सरकार और विपक्ष में निर्णायक पद पर जो भी लोग हैं उन्हें कश्मीर समस्या से निपटने का कोई अनुभव नहीं है.
इस बीच लगातार बंद के कारण लाखों छात्र और छात्राएं घरों में बंद पड़े हैं. उनकी मदद के लिए स्वंयसेवकों ने शिक्षा शिविर लगाए हैं. यहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

बुरहान वानी की मौत के बाद छिड़े इस आंदोलन की तीव्रता अभी कम नहीं हुई है. कश्मीर के सभी दस जिलों में तनाव बरक़रार है.
स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले सभी सरकारी समारोह के लिए अधिकतम सुरक्षा बंदोबस्त किए जा रहे हैं.
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