रियो डि जिनेरियो : खेलों के महासमर में अभी तक एक भी पदक नहीं जीत सके भारत के ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी कल रियो में अपने अभियान का आगाज करेंगे और 116 साल से चला आ रहा पदकों का अकाल खत्म होने की उम्मीद इस बार भी नजर नहीं आती. एथलेटिक्स में एक बार फिर सभी की नजरें उसेन बोल्ट पर होंगी जबकि भारतीय पदक के दावेदारों में नहीं है.
पेरिस में 1900 में हुए ओलंपिक में नार्मन प्रिचार्ड के 200 मीटर के रजत पदक के बाद से भारत ने ओलंपिक में एथलेटिक्स में कोई पदक नहीं जीता है. भारत का 34 सदस्यीय एथलेटिक्स दल यहां प्रभावी प्रदर्शन के साथ आया है जिनसे कम से कम फाइनल में जगह बनाने की उम्मीद तो की जा सकती है. चक्काफेंक खिलाडी विकास गौडा एथलेटिक्स में भारत के अभियान की शुरुआत करेंगे. वह लंदन ओलंपिक 2012 में फाइनल में पहुंचे थे लेकिन आठवें स्थान पर रहे. अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे गौडा पदक के साथ विदा लेना चाहेंगे.