वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपने विवादित ‘दूसरे संशोधन’ वाले बयान के कारण आलोचनाओं से घिर गए हैं. मीडिया के कई लोगों ने उनके इस बयान को उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ हिंसा की धमकी के रुप में देखा है.
ट्रंप ने कहा था, ‘‘दूसरे संशोधन वाले लोगों” यानी बंदूक के मालिकों या हथियारों से जुडे अधिकारों का समर्थन करने वाले लोग उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को व्हाइट हाउस की दौड में जीतने से और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जजों को चुनने से रोक सकते हैं. ट्रंप का संदेश एकदम स्पष्ट नहीं हो सका था लेकिन सांसदों का कहना है कि 70 वर्षीय अरबपति ट्रंप ने हिलेरी को जान से मारने की धमकी दी है. हिलेरी फॉर अमेरिका अभियान के प्रबंधक रॉबी मूक ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है- ट्रंप जो बात कह रहे हैं, वह खतरनाक है. अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को किसी भी सूरत में हिंसा की बात नहीं करनी चाहिए.”
हालांकि ट्रंप के अभियान ने ऐसे निष्कर्षों को खारिज करते हुए कहा कि ट्रंप का आशय हिलेरी को चुनावों में राजनीतिक शक्ति के जरिए रोकने से था. ट्रंप के अभियान के वरिष्ठ संचार सलाहकार जैसन माइलर ने कहा, ‘‘यह एकजुटता की ताकत है- दूसरे संशोधन के लोगों में गजब का उत्साह है और वे मजबूती से एकजुट हैं. इससे उन्हें एक मजबूत राजनीतिक ताकत मिलती है. इस साल वे रिकॉर्ड संख्या में मतदान करेंगे और यह हिलेरी क्लिंटन के लिए नहीं बल्कि डोनाल्ड ट्रंप के लिए होगा. ”
ट्रंप ने एक स्थानीय टीवी को दिए साक्षात्कार में इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यदि हिलेरी क्लिंटन चुनी जाती हैं तो मुझे लगता है कि वे दूसरे संशोधन को पूरी तरह समाप्त भले ही न करें, वह इसे कमजोर तो करेंगी ही. वह ऐसा सुप्रीम कोर्ट के जजों के जरिए करेंगी। लेकिन दूसरे संशोधन के लोगों में अपार शक्ति है क्योंकि वे बेहद एकजुट हैं.”