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ओलंपिक 2016 : रियो में उठने लगे विरोध के आवाज

ब्राजील की दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर रियो में ओलंपिक का आयोजन होने जा रहा है. दशकों तक पर्यटकों का आकर्षक का केंद्र रह चुका रियो डी जनेरियो इस बार ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए जाना जायेगा.रियो शहर अपने दामन में वर्षो पुरानी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आकर्षण समाये हुए है. आम तौर पर […]

ब्राजील की दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर रियो में ओलंपिक का आयोजन होने जा रहा है. दशकों तक पर्यटकों का आकर्षक का केंद्र रह चुका रियो डी जनेरियो इस बार ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए जाना जायेगा.रियो शहर अपने दामन में वर्षो पुरानी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आकर्षण समाये हुए है. आम तौर पर यहां की जलवायु समशीतोष्ण रहती है. दिसंबर से मार्च का महीना बारिश का मौसम होता है. खासतौर से इस शहर में खेलों के प्रति अजीब जुनून दिखता है. साल 2014 में ब्राजील के इसी शहर में फीफा वर्ल्ड कप हुआ था. वहीं दो सालों के अंतराल में ओलंपिक भी हो रहा है.

क्या है रियो शहर का इतिहास
रियो शहर को पुर्तगालियों ने बसाया था. 1 जनवरी 1502 में सबसे पहले पुर्तगाली शासक रियो पहुंचे. जनवरी महीने में पुर्तगाली शासक गऊनबारा खाड़ी पहुंचे, गऊनबारा एक नदी का उद्गम स्थल है. जनेरियो का हिंदी मतलब जनवरी होता है. चूंकि पुर्तगाली जनवरी महीने में पहुचे थे. इसलिए इसका नाम रियो डी जिनोरियो पड़ गया.
इस शहर में आधिपत्य के लिए दो यूरोपियन देश पुर्तगाल और फ्रांस के बीच घमासान हुआ. 1889 में जब ब्राजील आजाद हुआ तो रियो ब्राजील की राजधानी बनी लेकिन 1960 में ब्रासीलिया को राजधानी बना दिया गया है.समुद्रतट के किनारे बसे इस बेहद खूबसूरत से शहर में दुनिया भर के पर्यटक खीचें चले आते हैं. रियो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है लेकिन यहां कई ऐतिहासिक स्थल भी है जो आपको ब्राजील की पुरानी संस्कृति से परिचय कराती है.
ओलंपिक का हो रहा है विरोध
ब्राजील में ओलंपिक के आयोजन को लेकर जोरदार विरोध हो रहा है. दरअसल ब्राजील की अर्थव्यवस्था बहुत खराब है. बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी की समस्या के बावजूद इतने बड़े आयोजन के फैसले को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है. इसके खिलाफ रियो में कई प्रदर्शन भी हुए हैं. सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए टियर गैस का भी इस्तेमाल किया था.
यही नहीं ब्राजील में लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है. वहीं कई नागरिकों का आरोप है कि स्टेडियम के निर्माण के बहाने जबरन उनके घर पर कब्जा जमाया जा रहा है. जनता का आरोप है जहां सरकार को शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए फंड नहीं मिल पा रहा है, वहां ओलंपिक का आयोजन करना गलता है. गौरतलब है कि खराब अर्थव्यवस्था की वजह से कई सरकारी कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है.इस साल रियो में ओलंपिक का आयोजन हो रहा है लेकिन 2014 में फीफा वर्लड कप का आयोजन हो चुका है. मरकाना स्टेडियम दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉल स्टेडियम में एक माना जाता है.
जुटने लगे हैं सेक्सवर्कर्स
जहां एक ओर 2016 में दुनिया भर के खिलाड़ी व खेलप्रेमी जुट रहे हैं. वहीं शहर में अचानक से सेक्सवर्कस की संख्या भी बढ़ गयी है.उन्हें लगता है कि यह कमाई व अपनी आय बढ़ाने का एक बेहतर मौका है.

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