
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार राज्य में संजीवनी बूटी की तलाश कर रही है.
ये वही संजीवनी बूटी है जिसका उल्लेख हिंदुओं के आराध्य देव हनुमान के संदर्भ में आता है जिसकी तलाश में कहा जाता है कि वो पूरा पर्वत उखाड़कर भगवान राम के सम्मुख ले गए थे ताकि लक्ष्मण की मूर्छा दूर की जा सके.
ख़बर में कहा गया है कि उसी कथित संजीवनी बूटी की तलाश के लिए उत्तराखंड में तीन विभागों की एक समिति बनाई गई है.

द हिंदू की ख़बर के मुताबिक भारत में मॉनसून की सालाना भविष्यवाणी के लिए एक सुपर-कम्प्यूटर पूरी तरह से तैयार है.
ख़बर में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन के हवाले से कहा गया है कि पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटेरोलॉजी (आईआईटीम) में इस सुपर कम्प्यूटर का परीक्षण पिछले एक दशक से हो रहा है.
ख़बर में ये भी कहा गया है कि ये सुपर कम्प्यूटर अगले साल से मौसम का सालाना पूर्वानुमान देने लगेगा. हाल के वर्षों में भारतीय मौसम विभाग के मॉनसून संबंधी पूर्वानुमान ग़लत साबित हुए हैं.

स्टेट्समेन की ख़बर के मुताबिक, कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद का कहना है कि गाय का सरंक्षण किया जाना चाहिए, लेकिन गाय के संरक्षण के नाम पर दलितों और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है.
ख़बर में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी शासित गुजरात और मध्यप्रदेश में कथित गौरक्षकों के हाथों मारपीट के मामलों पर संसद के भीतर और बाहर काफी विरोध हो रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, तमिलनाडु में 250 दलित परिवार इस्लाम धर्म अपनाने की योजना बना रहे हैं.
ख़बर में कहा गया है कि दो गांव में रहने वाले ये वो दलित परिवार हैं जिन्हें स्थानीय मंदिरों में प्रवेश में अनुमति नहीं है.
ख़बर में ये भी कहा गया है कि तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) ने गांव में क़ुरान की प्रतियां बांटी हैं, इसी तरह एक ईसाई मिशनरी ने भी इन दलितों से संपर्क साधा है.
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