बमाको : माली में एक सैन्य अड्डे पर सशस्त्र समूह के हमले में 17 जवानों की मौत हो गई और 35 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने इस हमले को ‘‘समन्वित आतंकवादी हमला” बताया है. माली के रक्षा मंत्री टीमैन हुबर्ट कुलीबली ने कल कहा, ‘‘मृतकों की संख्या बढ गई है: हमने 17 जवानों को खो दिया है और 35 अन्य घायल हैं.” अधिकारियों ने पहले 12 जवानों के मारे जाने की घोषणा की थी. कुलीबली ने इस हमले को ‘‘हमारे ठिकानों पर समन्वित आतंकवादी हमला” करार दिया लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इसके पीछे किसका हाथ है.
हालांकि पूर्व में, नामपाला में सैन्य शिविर पर हुए बंदूकधारियों के हमले की जिम्मेदारी जातीय पेउल समुदाय ने ली थी जो अपना नाम नेशनल अलायंस फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ पेउल आइडेंटिटी एंड रीस्टोरेशन ऑफ जस्टिस (एएनएसआईपीआरजे) बताता है. समूह ने कहा कि उसने आठ जवानों की हत्या कर दी और 11 अन्य को घायल कर दिया। वह दो ट्रकों एवं पांच पिकअप ट्रकों को चुराकर ले जाने में भी सफल रहा. एएनएसआईपीआरजे के एक शीर्ष नेता सिडी सिस्से ने कहा, ‘‘यह स्वयं के बचाव में किया गया हमला था.” उसने बताया कि समूह के तीन सदस्य भी घायल हो गए. इससे पहले मॉरिटानिया की समाचार एजेंसी अल अखबर ने बताया कि कई जवानों को बंदी बनाया गया और शिविर को आग लगा दी गई.
क्षेत्र में कई सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि उन्हें हमले की जिम्मेदारी लेने संबंधी एएनएसआईपीआरजे के दावे की सच्चाई पर संदेह है क्योंकि इस समूह का गठन क्षेत्र में अंतर साम्प्रदायिक संघर्षों के बाद पिछले महीने ही हुआ है और उसके पास इतना बडा हमला करने के लिए हथियार एवं अन्य आवश्यक चीजें नहीं हैं. कुलीबली ने कहा कि सरकार को पता है कि ‘‘एक समूह ने जिम्मेदारी ली है. हम सावधानी बरत रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘एक बात स्पष्ट है कि यह एक आतंकवादी कृत्य है जिसने एक सैन्य शिविर को निशाना बनाया, इसलिए उचित सैन्य कार्रवाई की जाएगी.” माली की सरकार ने कहा कि हमलावरों का पता लगाया जाएगा और उन्हें दंडित किया जाएगा. उसने बताया कि नामपाला पर सेना का नियंत्रण है.