
बांग्लादेश के ढाका में हुए हमले की ज़िम्मेदारी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है. हमला अति सुरक्षित गुलशन इलाक़े में हुआ है.
हमले पर एसएटीवी के न्यूज़ एडिटर सैफ़ुल हुदा की प्रतिक्रिया.
अगर सच बोलें तो इससे पहले जितने वाक़्ये हुए हैं, जितने भी क़त्ल हुए या दुर्घटनाएं हुई हैं उन्हें आप आतंकवादी नहीं बोल सकते हैं. वो ज़्यादातर मार के भाग जाने जैसा मामला दिखता था.
लेकिन जुमे को जो हुआ वह बांग्लादेश में पहला आतंकवादी हमला है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.
शुक्रवार शाम के बाद से पूरा इलाक़ा बंद कर दिया गया है. ऐसी सुरक्षा व्यवस्था बांग्लादेश में पहले कभी नहीं देखी गई. यह बांग्लादेश की सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज़ से नया आयाम है.

हालांकि सुरक्षा एजेंंसियां इस पूरे मामले को कैसे संभालेंगीं, यह अभी देखने वाली बात है.
अभी तक यह साफ नज़र नहीं आ रहा है कि ये एजेंसियां क्या करने जा रही हैं. यह इससे पता चलेगा कि ये क्या कार्रवाई करती हैं.
बांग्लादेश अभी भी इस तरह के हमलों के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है सुरक्षा बलों कभी सोचा भी न होगा कि इस तरह की घटना का उनको सामना करना पड़ेगा.
मेरा साफ़ मानना है कि बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां अभी इस तरह के हमलों से निबटने को बिलकुल तैयार नहीं हैं.
जुमे की दुर्घटना को ही देख लें. हमला तक़रीबन 8:30 बजे हुआ और बेबी कमांडो को आते आते 12 बज गए.
इससे अंदाज़ा लग सकता कि हम ऐसे हमलों के वक़्त कितना तैयार थे.
कमांडोज़ को आधे-एक घंटे के अंदर जवाब देना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

इन इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों ने हमले के लिए गुलशन इलाक़े को चुना है यह राजनायिक दृष्टि से अहम इलाका है. इससे ज्यादा सुरक्षित जगह ढाका या बांग्लादेश में नहीं है.
सो इस हमले से जैसे वो एक संदेश देना चाहते हैं कि वह कहीं भी हमला कर सकते हैं.
(बीबीसी संवाददाता अशोक कुमार से बातचीत पर आधारित)
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)