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आज डॉक्टर्स डे : कुशल डॉक्टरों से है इन देशों की पहचान

आज डॉक्टर्स डे : बेहतर हेल्थ केयर के लिए जरूरी हैं सरकारी प्रयास किसी देश में लोगों के जीवन स्तर का अंदाजा इस बात से भी लगाया जाता है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच कितनी है. निश्चित तौर पर काफी हद तक यह इस बात पर निर्भर करता है कि उस देश में […]

आज डॉक्टर्स डे : बेहतर हेल्थ केयर के लिए जरूरी हैं सरकारी प्रयास
किसी देश में लोगों के जीवन स्तर का अंदाजा इस बात से भी लगाया जाता है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच कितनी है. निश्चित तौर पर काफी हद तक यह इस बात पर निर्भर करता है कि उस देश में कितने अच्छे और पेशेवर चिकित्सक तैयार होते हैं और उनकी उपलब्धता कितनी सुलभ है.
साथ ही यह भी कि इन देशों की सरकारें बेहतर चिकित्सक तैयार करने के लिए कितनी समर्पित हैं. जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, नॉर्वे जैसे देश इस मामले में अग्रणी हैं. आज डॉक्टर्स डे है और इस अवसर पर हमारे लिए यह भी जानना जरूरी है कि हमारा देश चिकित्सा के क्षेत्र में कहां खड़ा है.
‘हेल्थ इज द रियल वेल्थ ऑफ मैन’ अंगरेजी का बड़ा प्रसिद्ध मुहावरा है. सच में अगर भौतिक सुख-सुविधाओं से जरा ऊपर उठ कर देखें, तो स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नजर नहीं आता़ और हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं डॉक्टर्स, यानी चिकित्सक. चाहे गली के नुक्कड़ का कोई छोटा-मोटा क्लिनिक हो या किसी मेट्रोपॉलिटन शहर का कोई सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सबकी पहचान डॉक्टरों से ही है. इन डॉक्टरों को कुशल और प्रशिक्षित करने की जिम्मेवारी सरकार की है. जितने जानकार और कुशल चिकित्सक तैयार किये जायेंगे, देश का हेल्थ केयर सिस्टम उतना ही बेहतर होगा.
जिन देशों की सरकारों ने चिकित्सा पेशेवरों को बेहतर प्रोत्साहन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी, वहां के चिकित्सकों ने दुनिया में अपने देश का नाम रोशन किया है. दुनिया को बेहतरीन चिकित्सक देनेवाले शीर्ष देशों पर एक नजर –
जर्मनी: जर्मनी के पेशेवर चिकित्सक शिक्षकों की मांग दुनिया के कई वैश्विक संस्थानों में होने के कारण वह पहले स्थान पर काबिज है. दुनियाभर में हेल्थ केयर सिस्टम में पेशेवर चिकित्सकों की मांग बनाये रखने की नींव जर्मनी ने ही रखी. जर्मनी के चिकित्सक सर्जन से लेकर फिजिशियन तक सभी क्षेत्रों में अत्यधिक कुशल और प्रशिक्षित होते हैं.
यूएसए : संयुक्त राज्य अमेरिका के कानून और नीतियां अपने नागरिकों को पूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराती है. हर समय बेहतरीन कुशल और प्रभावी चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से यहां चिकित्सकों को तैयार किया जाता है. हर वर्ष उच्च गुणवत्तावाले चिकित्सक तैयार करने के कारण अमेरिका दूसरे नंबर पर खड़ा है. यहां के चिकित्सक सिर्फ उपचार करने के लिए ही नहीं, बल्कि मरीजों से दोस्ताना संबंध बनाये रखने के लिए भी जाने जाते हैं.
इस्राइल : इस्राइल में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक तैयार होने के कारण तीसरे स्थान पर विराजमान है. प्रतिवर्ष यहां के बजट में चिकित्सकों की ट्रेनिंग और विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान किये जाते हैं. प्रशिक्षित व विशेषज्ञ चिकित्सकों को देश के अन्य क्षेत्रों में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए भी तैनात किया जाता है.
साथ ही वे अन्य देशों में रहनेवाले अपने मरीजों के भी संपर्क में रहते हैं. चिकित्सकों को बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए यहां वैश्विक सेमिनार व रिसर्च प्रोजेक्ट समय-समय पर आयोजित किये जाते हैं.
ऑस्ट्रेलिया : बेहतरीन हेल्थ केयर सिस्टम की बदौलत ऑस्ट्रेलिया चौथे नंबर पर है. यहां की सरकार ने विश्वस्तरीय हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट्स स्थापित किये हैं, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए प्रैक्टिस की व्यवस्था है, जो वहां के चिकित्सकों को उच्च पेशेवर व सभी प्रकार के तीव्र उपचार के लिए प्रशिक्षित करता है.
कनाडा : यहां की सरकार ने बेहतरीन स्वास्थ्य प्रणाली स्थापित कर देश को समृद्ध बनाया है. साथ ही अपने नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के कारण लोकप्रिय है. अन्य देशों के लोग भी यहां चुनौतीपूर्ण रोगों के उपचार के लिए चिकित्सा सहायता लेने आते हैं.
यहां के चिकित्सकों ने छोटी-मोटी बीमारियों से लेकर महामारी तक को काबू में करनेवाले इलाज के तरीके विकसित कर लाखों लोगों की जानें बचायी हैं.
बेल्जियम : इस देश ने पिछले कुछ वर्षों में बेहतर चिकित्सक तैयार कर खुद को उन्नत साबित किया है. यहां के पेशेवर चिकित्सकों ने गुणवत्ता के साथ काम करते हुए प्रयोगशालाओं, चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों, अस्पतालों और दवा उद्योगों को विकसित किया है. न सिर्फ जनरल फिजिशियन, बल्कि विशेषज्ञ चिकित्सक भी अपने अनुभवों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उदाहरण बने हैं.
नॉर्वे : नॉर्वे दुनियाभर में चिकित्सा सेवा के मामले में सातवें नंबर पर काबिज है. यहां के चिकित्सक शिक्षा और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में समृद्ध हैं. हाल के वर्षों में यहां के चिकित्सकों ने कई स्तरों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किये हैं. चिकित्सा अनुसंधान और जैव प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर यहां के चिकित्सकों ने हर क्षेत्र में सफलता अर्जित की है.
…और भारत की स्थिति
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के मुताबिक, प्रति एक हजार लोगों पर 2.5 चिकित्सक होने चाहिए, जबकि भारत में यह संख्या मात्र .65 है. देश के कुल 640 जिलों में से मात्र 193 जिलों में ही मेडिकल कॉलेज हैं और शेष 447 जिलों में मेडिकल की पढ़ाई की कोई व्यवस्था ही नहीं है. इस कारण प्रति वर्ष करीब 5500 चिकित्सक ही देश में तैयार होते हैं. एक अनुमान के मुताबिक देश के कुल करीब सवा चार सौ मेडिकल कॉलेजों में से 45 प्रतिशत सरकारी और 55 प्रतिशत निजी स्तर के हैं. वर्ष 2015 में ही देश में करीब 14 लाख चिकित्सकों की कमी थी.
‘इंटरनेशनल माइग्रेशन आऊटलुक (2015)’ के अनुसार विदेशों में कार्यरत भारतीय चिकित्सकों की संख्या वर्ष 2000 में 56,000 थी, जो 2010 में 55 प्रतिशत बढ़ कर 86,680 हो गयी. लेकिन चिंता की बात यह है कि करीब 28 फीसदी चिकित्सक देश से पलायन कर अपनी सेवाएं विदेशों में दे रहे हैं. ऐसे में देश की चिकित्सा सेवा की सेहत सुधारने के लिए हमें बुनियादी समस्याओं पर ध्यान देते हुए समस्या की जड़ तलाशनी होगी.
(इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार)

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