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ब्रिटेन के नतीजों पर टिकी रिजर्व बैंक की पैनी नजर, भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा पड़ेगा असर

यूरोपीय संघ से बाहर होने के फैसले पर ब्रिटेन में गुरुवार को वोटिंग होगी. इसे लेकर दुनिया में अनिश्चितता बनी है. ब्रिटेन के बाहर होने से भारत को ज्यादा नुकसान होगा. इसके असर से घरेलू बाजारों को बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने पहले से ही तैयारी कर ली है. नयी दिल्ली: ब्रिटेन के यूरोपीय […]

यूरोपीय संघ से बाहर होने के फैसले पर ब्रिटेन में गुरुवार को वोटिंग होगी. इसे लेकर दुनिया में अनिश्चितता बनी है. ब्रिटेन के बाहर होने से भारत को ज्यादा नुकसान होगा. इसके असर से घरेलू बाजारों को बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने पहले से ही तैयारी कर ली है.

नयी दिल्ली: ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में रहने अथवा बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) को लेकर गुरुवार को होने वाले जनमत संग्रह से पहले शेयर बाजारों, बॉन्ड तथा रुपये में उठा-पटक के बीच रिजर्व बैंक ने बुधवार को वित्तीय बाजार में स्थिति सामान्य बनाये रखने के लिए नकदी समर्थन समेत सभी जरूरी कदम उठाये जाने का वादा किया. वहीं, सेबी व शेयर बाजारों ने अपने जोखिम प्रबंधन प्रणाली को दुरुस्त किया है. रिजर्व बैंक ब्रिटेन में ब्रेक्जिट जनमत संग्रह के नतीजे के संशय को देखते हुए स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है.

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने या बने रहने को लेकर जनमत संग्रह के नतीजे को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है. इससे भारत समेत वैश्विक वित्तीय बाजारों में उठा-पटक देखी जा रही है. ब्रिटेन के 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ में बने रहने या बाहर निकलने को लेकर गुरुवार को जनमत संग्रह होना है. इस मुद्दे को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा जारी है, क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों तथा विनिमय दरों पर असर पड़ सकता है. भारत का ब्रिटेन समेत यूरोपीय संघ के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार होता है. उसे यूरोप से बड़े निवेश भी प्राप्त होते हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा पड़ेगा असर

यदि गुरुवार को ब्रेक्सिट होता है, तो मुद्रा पर इसका असर देखने को मिलेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेक्सिट होने पर ब्रिटिश पाउंड में बड़ी गिरावट की आशंका है. डॉलर में मजबूती आ सकती है. ऐसे में मजबूत डॉलर से इमर्जिंग मार्केट करेंसी पर दबाव संभव है. वहीं, ब्रेक्सिट का असर कमोडिटी बाजार पर भी देखने को मिलेगा. वैश्विक बाजारों में मांग घट सकती है और हेजिंग के लिए सोने में खरीदारी बढ़ सकती है. डॉलर सूचकांक मजबूत होने पर ज्यादातर कमोडिटी पर भी दबाव देखने को मिल सकता है.

यूरोजोन का हिस्सा

कंपनी -आमदनी

मदरसन सुमी -65 %

बालकृष्ण इंड. -50 %

एचसीएल टेक -31 %

एआइए इंजी. -30 %

कमिंस -30 %

भारत फोर्ज -30 %

अपोलो टायर्स -30 %

माइंडट्री -25 %

वैबको -20%

टाटा समूह को झटके का डर

147 करोड़ डॉलर का टाटा मोटर्स को घाटे का अनुमान

12% टाटा स्टील को यूरोजोन से आमदनी

24 % जेएलआर की बिक्री यूरोप में

26 % टाटा ग्लोबल को आय

12 % योगदान ब्रिटेन का टाटा को होने वाली आमदनी में

10 % टाटा केमिकल्स को यूरोप से होती है आय

10 % तक गिर सकता है ब्रिटिश करेंसी पाउंड

हम पूरी तरह तैयार : दास

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार के साथ ब्रेक्जिट के कारण पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है. मौजूदा संकेत यह है कि संभवत: ब्रेक्जिट नहीं होगा. मैं यह साफ करना चाहता हूं कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. देश के पास 360 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है. भारत एफडीआइ के लिहाज से आकर्षक है. वहीं, भारत के व्यापार पर कम प्रभाव पड़ने की संभावना है, इससे देश को किसी भी स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी.

जनमत संग्रह से पहले गिरा बाजार

ब्रेक्जिट को लेकर असमंजस के बीच बंबई शेयर बाजार उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 47 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. शुरुआती कारोबार में इसमें 270 अंक की गिरावट आयी. वहीं, डॉलर के मुकाबले रुपये में तीसरे दिन भी गिरावट आयी.

बने रहने के समर्थन में ब्रिटिश-भारतीय काउंसलर

विभिन्न राजनीतिक दलों से संबद्ध 70 से अधिक ब्रिटिश-भारतीय काउंसलरों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने का समर्थन किया है. 71 काउसंलरों ने कहा कि उनका विश्वास है कि 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ में बने रहने से ब्रिटेन को न केवल सुरक्षा बल्कि व्यापार में भी उल्लेखनीय रूप से लाभ होगा. ये काउंसलर कंजरवेटिव, लेबर तथा लिबरल डेमोक्रेट पार्टी से संबद्ध हैं.

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