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खिलाड़ियों में प्रतिबंधित ड्रग्स के इस्तेमाल की जांच करने के लिए रूस जा रहे डोपिंग अधिकारियों को धमकियां मिल रही हैं और खिलाड़ियों को भी टेस्ट से रोका जा रहा है.
एंटी डोपिंग एजेंसी की रिपोर्ट ठीक उस वक़्त आई है जब संस्था ये फ़ैसला लेनेवाली है कि रुस के खिलाड़ी रियो ओलंपिक में हिस्सा ले सकते हैं या नहीं.
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन की बैठक 17 जून को विएना में होगी. इसमें रुस की ओर से डोपिंग पर रोक लगाने को किए गए प्रयासों पर चर्चा होगी.
इसी बैठक में तय किया जाएगा कि रुस के खिलाड़ियों को रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए या नहीं.
बीते साल नवंबर में वाडा की रिपोर्ट में खिलाड़ियों के डोपिंग टेस्ट में फेल होने संबंधी रिपोर्ट सामने आने के बाद रुस के एथलीटों पर प्रतिबंध लगाया गया था.
इसके बाद रुस के एथलेटिक्स से जुड़े अधिकारियों ने आमूलचूल बदलाव लाने की बात कही थी.
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वाडा की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ रुस के एथलीटों के 455 टेस्ट होने थे, उनमें से 73 के नमूने नहीं लिए जा सके. 736 टेस्ट रद्द कर दिए गए या फिर खिलाड़ियों ने नमूने देने से मना कर दिया. 23 टेस्ट नहीं हुए और 52 नमूनों के नतीजे प्रतिकूल मिले.
इस रिपोर्ट में उदाहरण के साथ बताया गया है कि किस तरह अलग-अलग खेलों के खिलाड़ियों ने टेस्ट टाले और डोपिंग नियंत्रण अधिकारियों को चकमा देने की कोशिश की.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक एथलीट एक खेल इवेंट के बाद नदारद हो गया जबकि एक अन्य ने एक रेस के दौरान स्टेडियम छोड़ दिया और उसके बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी.
वाडा की रिपोर्ट में एक अन्य महिला एथलीट के बारे में बताया गया है कि उसने ‘संभवत: साफ पेशाब छुपाया हुआ था.’
डोप टेस्ट के वक्त छुपाया गया पेशाब सही जगह जाने के बजाए फर्श पर फैल गया. ये भी आरोप है कि उसने अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश की. बाद में टेस्ट के लिए दिया गया उसका सैंपल नाकाम रहा.
डोपिंग नियंत्रण अधिकारियों के मुताबिक़ सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने उन्हें देश से बाहर निकालने की धमकी दी.
इस बीच रुस की ओर से ओलंपिक में पदक हासिल करने वाले 13 खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के प्रमुख से अपील की है कि जिन खिलाड़ियों पर डोपिंग को लेकर कोई दाग़ नहीं है, उन्हें रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने दिया जाए.
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इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन ने 13 नवंबर को रुस की एथलेटिक्स फेडरेशन को निलंबित कर दिया था. ये कार्रवाई वाडा की उस रिपोर्ट के बाद की गई थी जिसमें रुस की ‘सरकार पर डोपिंग को संरक्षण’ देने का आरोप लगाया गया था.
वाडा की रिपोर्ट में सरकारी दख़ल के सुबूत होने का दावा किया था. इस रिपोर्ट में नमूनों को नष्ट करने, डोपिंग नियंत्रण में हस्तक्षेप और टेस्ट नतीजे पॉजिटिव आने के बाद रिश्वत देने की बात भी की गई थी.
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन ने प्रतिबंध हटाने के लिए रुस के सामने कई शर्तें रखी थीं.
वहीं इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने रूस के खेल मंत्री विताली मुटको के हवाले से बताया है कि अगर देश की एथलेटिक्स फेडरेशन को बहाल नहीं किया गया तो रुस क़ानूनी कार्रवाई कर सकता है.
ब्राज़ील में ओलंपिक खेलों का आयोजन अगस्त में होना है. एथलेटिक्स की प्रतियोगिताएं 12 अगस्त से शुरू होंगी.
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