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US कांग्रेस में MODI: 45 मिनट का भाषण, 66 बार तालियां, 08 स्टैंडिंग ओवेशन और…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हमारे पड़ोसी देशों में पाला-पोसा जा रहा है. हमें सचेत रहने की जरूरत है. अमेरिकी कांग्रेस में स्पीच देने वाले मोदी छठे भारतीय प्रधानमंत्री हैं. वॉशिगटन : पाकिस्तान […]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हमारे पड़ोसी देशों में पाला-पोसा जा रहा है. हमें सचेत रहने की जरूरत है. अमेरिकी कांग्रेस में स्पीच देने वाले मोदी छठे भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

वॉशिगटन : पाकिस्तान को स्वाभाविक रूप से ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के पड़ोस में आतंकवाद का पोषण हो रहा है. इसलिए कोई भेद किये बगैर लश्कर -ए -तैयबा, तालिबान व आइएसआइएस जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर दिया, जो घृणा, हत्या व मौत की विचारधारा साझा करते हैं. अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आतंक के खिलाफ ‘एक स्वर’ में लड़ाई लड़ी जानी चाहिए. राजनीतिक फायदे के लिए आतंक को बढ़ावा देने और उसका अनुपालन करनेवालों को पुरस्कृत करने से इनकार करके अमेरिकी संसद द्वारा स्पष्ट संदेश देने की सराहना की. उनका आशय पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री का मार्ग अवरूद्ध करने की घटना से था. अपने 45 मिनट के भाषण में उन्होंने भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आयामों की चर्चा की, जिसमें विशेष तौर पर असैन्य परमाणु सहयोग शामिल है.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को ‘अतीत के बाधाओं’ को पीछे छोड़ना चाहिए, क्योंकि ‘भविष्य का आधार ठोस’ बन चुका है. अपने चिर परिचित सफेद कुर्ता पायजामा और स्लेटी रंग की जैकेट पहने मोदी का अमेरिकी सांसदों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. उनके संबोधन के दौरान बीच बीच में तालियां बजा कर उनका उत्साह बढ़ाया और कई बार खड़े होकर गर्मजोशी भरा भाव प्रकट किया. मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका विश्व शांति और समृद्धि की दृष्टि को साझा करते हैं. पूरे विश्व के समक्ष आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है. इससे कई स्तरों पर लड़ा जाना चाहिए, क्याेंकि पारंपरिक सैन्य, खुफिया या कूटनीतिक उपाय अकेले इन्हें परास्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

सुरक्षा सहयोग मजबूत बनाना, वक्त की मांग
मोदी ने कहा कि वक्त की जरूरत है कि हम हमारे सुरक्षा सहयोग को और गहरा बनाएं. हमारा सहयोग ऐसी नीतियों पर आधारित हो, जो आतंकवादियों को पनाह देने वालों, उनका समर्थन करने वालों और प्रायोजित करने वालों को अलग-थलग करता हो. वह अच्छे व बुरे आतंकियों में विभेद नहीं करता हो. धर्म को आतंकवाद से अलग रखता हो. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने नागरिकों और सैनिकों को खोया है. इस बात को रेखांकित किया कि किस प्रकार से 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद अमेरिका भारत के साथ खड़ा रहा था.

सुरक्षा परिषद में सुधार पर जोर
भारत- अमेरिकी संबंध को गतिशील भविष्य का आधार बताते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच गंठजोड़ एशिया से अफ्रीका और हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक शांति, समृद्धि और स्थिरता का वाहक बन सकता है. यह गंठजोड़ वाणिज्य के समुद्री मार्ग और सागरों में नौवहन स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के संदर्भ में कहा कि हमारा सहयोग और प्रभावी हो सकता है. यदि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं 20वीं सदी की सोच से आगे बढ़ कर आज की हकीकत को प्रदर्शित करें.

लूथर से लेकर वाजपेयी तक का जिक्र
मोदी ने अपने संबोधन में मार्टिन लूथर किंग, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया और कहा कि भारत और अमेरिकी दुनिया के सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्र हैं. हमें एक दूसरे के दर्शन और अनुभवों से काफी सीखने की जरूरत है, ताकि नैसर्गिक सहयोगी बनें.

मूल्यों पर आधारित हो समाज

प्रधानमंत्री ने कहा कि विचार केवल धन सृजित करने पर नहीं बल्कि हमारे समाज के लिए मूल्य सृजित करने पर केंद्रीत होने चाहिए, केवल तात्कालिक फायदे के लिए नहीं, बल्कि दीर्घकालिक लाभ के लिए हो, केवल हमारे सर्वश्रेष्ठ कार्यों पर ही नहीं बल्कि गंठजोड़ को आकार प्रदान करने के लिए हो और केवल हमारे लोगों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ही नहीं, बल्कि और एकजुट, मानवीय और समृद्ध दुनिया के लिए सेतु के निर्माण के लिए भी हो.

ओबामा के पहले स्टेट गेस्ट मनमोहन, आखिरी मोदी

अगले साल जनवरी में बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूरा करनेवाले ओबामा के आखिरी स्टेट गेस्ट प्रधानमंत्री मोदी हैं. प्रधानमंत्री मोदी दो साल में चौथी बार अमेरिका गये हैं. इस बार स्टेट गेस्ट हैं. उल्लेखनीय है कि ओबामा 2008 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे ,तो साल भर बाद 25 नवंबर 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह स्टेट गेस्ट बन कर वहां गये थे. इस तरह वह उनके पहले स्टेट गेस्ट थे.

सबसे ‘शक्तिशाली’ देश की संसद में सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री

संबोधन की खास बातें

आतंक के अलग-अलग नाम हैं, कहीं लश्कर, कहीं आइएसआएस, तो कहीं तालिबान

भारत-अमेरिका की साझेदारी एशिया से लेकर अफ्रीका तक लायेगी शांति

2022 तक हमारा लक्ष्य आर्थिक रूप से हर भारतीय को आत्मनिर्भर बनाना है

अमेरिका में तीन करोड़ लोग योग करते हैं, जो भारत की देन है

अमेरिका में रहनेवाले 30 लाख भारतीय दोनों देशों को जोड़ने का करते हैं काम

आज अमेरिका में बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीइओ, वैज्ञानिक, डॉक्टर्स हैं भारतीय

अमेरिका की तरह भारत में भी हर व्यक्ति की आजादी सबसे अहम

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