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सैर-सपाटे को सुगम बनाते स्टार्टअप

स्कूल, कॉलेज समेत देश भर में अनेक संगठनों में गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग पहाड़ी इलाकों, समुद्र तटों, ऐतिहासिक जगहों और विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर घूमने जाते हैं. पर्यटन का देश-दुनिया में बड़ा कारोबार है, जिसमें बेशुमार मौके छिपे हुए हैं. अनेक स्टार्टअप्स ने इनमें छिपे कारोबार के […]

स्कूल, कॉलेज समेत देश भर में अनेक संगठनों में गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग पहाड़ी इलाकों, समुद्र तटों, ऐतिहासिक जगहों और विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर घूमने जाते हैं. पर्यटन का देश-दुनिया में बड़ा कारोबार है, जिसमें बेशुमार मौके छिपे हुए हैं. अनेक स्टार्टअप्स ने इनमें छिपे कारोबार के इन मौकों को समझा और उसे इनोवेटिव तरीके से भ्ुना रहे हैं. इससे पर्यटकों को ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं. जानते हैं यात्रियों की मुश्किलों को आसान करने में जुटे ऐसे ही कुछ स्टार्टअप्स के बारे में :
ट्रिप 38
ट्रिपहोबो
ट्रिपहोबो एक प्रकार से विजुअल अलगोरिदमिक ट्रिप प्लानर है, जो लोगों को पर्यटन के अनेक विकल्प मुहैया कराती है और उन्हें संबंधित सुझाव देने के साथ सैर – सपाटे पर जाने का पूरा इंतजाम करती है. यह अपने ग्राहकों इस प्लेटफॅार्म के जरिये एक ही जगह पर पर्यटन की सभी सुविधाएं मुहैया कराता है. इसमें ट्रिप प्लानिंग से लेकर विभिन्न स्थानों की दिशा और दूरी के आधार पर बेहतर विकल्प मुहैया कराना इसका मुख्य काम है. इससे लोगों को दूर जाने की अवस्था में एक बार में कई जगहों पर घूमने का विकल्प मिल जाता है.
फाउंडर : आइआइएम लखनऊ से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल कर चुके प्रवीण कुमार इसके सीइओ और फाउंडर हैं. मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री कर चुके साकेत नेवासकर इसके फाउंडर सीटीओ हैं, जबकि आइआइएम इंदौर से मार्केटिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल कर चुके कार्तिक रामचंद्र इसके फाउंडर सीओओ हैं. वर्ष 2012 में पुणे में शुरुआत के समय इसका नाम ‘जर्नी गुरु’ के छोटे प्रारूप ‘जोगुरु’ रखा गया था.
थ्रिलोफिलिया
एडवेंचर्स ट्रिप पर जानेवालों के लिए यह बेहतर सुविधाएं मुहैया कराता है. यदि आप वाइल्डलाइफ सफारी, बाइकिंग ट्रिप्स, पैरा ग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा लेना चाहते हैं, तो आपके लिए थ्रिलाेफिलिया अच्छा विकल्प हो सकता है. यह स्टार्टअप देश भर में एडवेंचर संबंधी क्रियाकलापों तक सैलानियों को ले जाने और उन्हें संबंधित गतिविधियों में हिस्सा लेने में मदद मुहैया कराता है.
फाउंडर : अभिषेक त्रिपाठी, चित्रा, संकेत और विक्रम अरोड़ा ने मिल कर इसका गठन किया था. दरअसल, ये लोग बेंगलुरु में काम करते थे. वहां इन्हें यह महसूस हुआ कि एडवेंचर का मजा लेनेवालों की जरूरतों के लिहाज से इस क्षेत्र में मौके छिपे हुए हैं और वहीं से इन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया.
सीक शेरपा
टूर गाइड वेबसाइट के तौर पर सीक शेरपा ने एक अनोखे किस्म का बिजनेस कॉन्सेप्ट तैयार किया है. आम तौर पर जब आप कहीं घूमने जाते हैं, तो आपके पास घूमने के दो विकल्प होते हैं. पहला आप वहां कोई गाइड तय करें और दूसरा आप बिना गाइड के अकेले ही घूमें.
गाइड करने पर सैर-सपाटे का खर्च ज्यादा आता है, लिहाजा बहुत लोग अकेले ही घूमते हैं. लेकिन, इससे पर्यटन स्थल की मुकम्मल जानकारी नहीं मिल पाती है. सीक शेरपा इसमें एक बड़ी भूमिका निभाता है. मोबाइल एप्लीकेशन टेक्नोलॉजी के जरिये इसने विभिन्न शहरों में स्थानीय निवासियों को यह काम सौंपा है, जो उस शहर की पूरी जानकारी रखते हैं. स्थानीय निवासियों को रोजगार मिल रहा है, वहीं सैलानियों को भी कम दिक्कत हो रही है.फाउंडर : ध्रुव राज और सुखमणि सिंह ने वर्ष 2014 में इसकी शुरुआत की थी.
इट्रेवेलर
छुट्टियों के दिनों में यह देश का तकनीक -आधारित एक बड़ा टूअर प्लानर प्लेटफॉर्म बन चुका है. विदेश जानेवाले अनेक सैलानियों के बीच यह लोकप्रिय बन चुका है. इस पर यात्री अपने मनपसंद ट्रिप की तलाश कर पूरी प्लानिंग कर सकते हैं और उसकी बुकिंग भी कर सकते हैं.
फाउंडर : इसकी स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी. मुंबई से एमबीए और कंरल से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर चुके शिजू राधाकृष्णन इसके सीइओ हैं. अन्ना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर चुकीं चित्रा इसकी सीओओ हैं, जबकि केरल से इंजीनियरिंग कर चुके निशांत कुमार इसके चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं.
कामयाबी की राह
यूं प्रभावित करें अपने स्टार्टअप के इनवेस्टर्स को
अ पने स्टार्टअप आइडिया में जितना यकीन आपको है, इसके प्रति उससे कहीं ज्यादा यकीन आपको अपने संभावित निवेशकों में जगाना होगा, तभी वे आसानी से अपनी पूंजी आपके बिजनेस में लगाने का फैसला करेंगे. निवेशकों को मनाने के लिए आपको अपनी प्रेजेंटेशन पहले से तैयार करके रखनी होगी. जानिए कैसे करें इस प्रेजेंटेशन की तैयारी :
1 किसी भी तरह का स्टार्टअप मॉडल दिखाने मात्र से ही इनवेस्टर्स संतुष्ट हो जाएं, यह जरूरी नहीं. उनमें एक बड़ी जिज्ञासा आपके बिजनेस आइडिया की ग्रोथ को लेकर बनी रहती है. इसके लिए आपको अपनी प्रेजेंटेशन में ग्रोथ की संभावनाओं को स्पष्ट तौर पर रेखांकित करना होगा. इसके लिए तार्किक तरीके से मौजूदा मार्केट की स्थिति का विश्लेषण पेश करना होगा. हवाई बातें करने वाले लोगों को निवेशक नहीं मिलते.
2 अच्छे आइडिया और ग्रोथ की अच्छी खासी संभावनाओं के बावजूद यदि बिजनेस का मॉडल कारगर नहीं है, तो निवेशक इसमें अपना पैसा लगाने से कतरा सकते हैं. इसलिए अपने स्टार्टअप मॉडल को प्रभावी ढंग से संभावित निवेशकों के सामने पेश करें. मॉडल में ज्यादा दावं पेच नहीं होने चाहिए. स्टार्टअप मॉडल में स्पष्टता होना जरूरी है. इसे पेश करते हुए भाषा भी सरल ही रखें.
3 अच्छे और ग्रोथ दिलानेवाले आइडिया के साथ-साथ मजबूत बिजनेस मॉडल होने के बावजूद निवेशकों को आइडिया के साथ जुड़े रिस्क फैक्टर परेशान कर सकते हैं. ऐसे में आपकी जिम्मेवारी बनती है कि आप उन्हें इन जोखिमों से निबटने और नुकसान से बचने की अपनी स्ट्रेटजी के बारे में समझाएं. रिस्क फैक्टर को रेखांकित करते हुए निवेशकों के सामने अपना बैकअप प्लान भी रखें.
4 आप किसी भी स्टार्टअप को यूं ही शुरू नहीं कर सकते. अगर कर भी दें तो बिना किसी प्रॉफिट रीजन को देखे कोई भी इन वेस्टर इस पर पैसे नहीं लगायेगा. ऐसे में स्टार्टअप से लोगों, सोसाइटी को होने वाले प्रॉफिट, स्टार्टअप प्रोडक्ट की डिमांड और ग्रोथ के आंकड़े को प्रेजेंटेशन में प्रभावी रूप से दर्शाएं.
5 स्टार्टअप स्ट्रेटजी, ग्रोथ व प्रॉफिट के बारे में अच्छी जानकारी देने व प्रेजेंटेशन में इस प्रभावी ढंग से दर्शाने के बाद भी कई बार इनवेस्टर्स आपसे प्रभावित नहीं हो पाते. इसका मुख्य कारण अपनी टीम में कमी हो सकती है. ऐसे में अपनी प्रेजेंटेशन में स्टार्टअप की मुख्य जिम्मेवारियों को निभानेवाले मेंबर्स का परिचय देना न भूलें.
प्राचीपिछले सोमवार (30 मई) के स्टार्टअप पेज की लीड स्टोरी में उल्लेख था कि ‘क्राउनिट’ नामक स्टार्टअप में प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा समेत कई उद्योगपतियों ने निवेश किया है. इस संबंध में हम खेद के साथ एक सुधार करना चाहते हैं कि इस स्टार्टअप में रतन टाटा ने निवेश नहीं किया है और स्टार्टअप ने अपने हािलया निवेशकों के नाम का खुलासा नहीं किया है.
स्टार्टअप क्लास
अच्छे लोगों और साझेदारों की भूमिका अहम
आलोक गोयल
सरकार की पहल
स्टार्टअप को सात वर्ष तक मिल सकती है कर छूट!
वा णिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा है कि वित्त मंत्रालय को स्टार्टअप के लिए शुरू में कर छूट की अवधि मौजूदा तीन वर्ष से बढ़ा कर सात वर्ष करनी चाहिए, ताकि उदीयमान उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा सके. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को यह सुझाव भेज दिया गया है. मंत्री ने कहा कि वे नयी पीढ़ी की इन कंपनियों के कार्यालयों में जाकर जमीनी हकीकत की जानकारी लेंगी. दरअसल, अनेक स्टार्टअप ने कर छूट की अवधि बढ़ाने परजोर दिया है, क्योंकि इससे कराधान के मामलों में निश्चितता आयेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्टार्टअप के लिए कार्य योजना की घोषणा की है और वह उनसे लगातार संवाद कर रही है.

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