
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख डॉ. मारग्रेट चान ने कहा है कि ज़ीका के फैलाव की वजह मच्छर नियंत्रण नीति की व्यापक स्तर पर नाकामी है.
ज़ीका संक्रमण साठ से ज्यादा देशों तक फैल चुका है. मच्छरों के जरिए फैलने वाला ये वायरस हालिया दिनों में अफ्रीका तक जा पहुंचा है.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि गर्मियों के दौरान ये यूरोप तक पहुंच सकता है.
ज़ीका वायरस को गर्भ में पल रहे बच्चों में गंभीर विकारों की वजह माना जाता है. इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य के लिए इमरजेंसी घोषित किया गया है.

डॉ. चान के मुताबिक जो संक्रमण इमरजेंसी बन जाते हैं वो प्रभावित देशों की खास कमजोरियों को उजागर करते हैं. इनसे बीमारियों की रोकथाम की तैयारी को लेकर हमारी सामूहिक नाकामी भी जाहिर होती है.
उन्होंने कहा, "ज़ीका परिवार नियोजन सेवाओं की व्यापक पहुंच न होने को उजागर करता है."
उन्होंने कहा कि लैटिन अमरीका और कैरेबियाई देशों में अनचाहे गर्भधारण के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. ये ज़ीका से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं.
डॉ. चान का कहना था कि ज़ीका का टीका अभी तक विकसित न हो पाने की वजह से इससे बचाव की सलाह ही दी जा सकती है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को खुद को मच्छरों के काटने से बचाना चाहिए. गर्भधारण करने से बचना चाहिए और जिन क्षेत्रों में संक्रमण फैल रहा है, वहां की यात्रा नहीं करनी चाहिए.
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