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खेल, पढ़ाई या स्वरोजगार आगे बढ़ने का मौका सभी को

जब युवा शब्द का उच्चरण होता है तो स्वत: ऊर्जा भरी, प्रतिभा की धनी और चेहरा पर ओज वाली एक छाया मानस पटल पर कल्पित होने लगती है. युवा वर्ग यदि अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का सही इस्तेमाल करें तो उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य जरूर प्राप्त होता है चाहे वह खेल का मैदान हो […]

जब युवा शब्द का उच्चरण होता है तो स्वत: ऊर्जा भरी, प्रतिभा की धनी और चेहरा पर ओज वाली एक छाया मानस पटल पर कल्पित होने लगती है. युवा वर्ग यदि अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का सही इस्तेमाल करें तो उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य जरूर प्राप्त होता है चाहे वह खेल का मैदान हो या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेशी विश्वविद्यालय में पढ़ने की चाहत. बस जरूरत है सही दिशा में निरंतर आगे बढ़ने की, बिना रुके-बिना थके. सरकार की ओर से भी युवाओं को उनके लक्ष्य तक पहुंचाने की योजनाएं है और यह आवश्यक है कि युवाओं की इसकी सही जानकारी हो. पंचायतनामा का यह अंक युवाओं के लिये विशेष है. इस अंक में सरकार की ओर से युवाओं के लिए खेल तथा शिक्षा के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्तियों के साथ स्वरोजगार की योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है. पंचायत स्तर पर खेल प्रतियोगिता में ग्रामीण युवाओं की भागीदारी हो या प्रतिभावान युवा जिनका सपना विदेश में जाकर अपनी उच्च शिक्षा पूरी करना है, अथवा अपने ही घर गांव में कारोबार करने के इच्छुक युवा. योजनाएं सभी के लिये हैं. जरूरी है इसका इस्तेमाल करें और आगे बढ़ें.

पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान
केंद्र सरकार के पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान का उद्देश्य एक ऐसा खेल वातावरण उपलब्ध कराना है जिसके माध्यम से ग्रामीण युवा खिलाड़ियों का देश भर में एक नेटवर्क तैयार किया जा सके. साथ ही इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण युवा खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को और अधिक निखारना है. इस अभियान का लक्ष्य युवा एवं खेल मंत्रलय तथा भारतीय खेल प्राधिकार के योजनाओं के माध्यम से खेल प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है. गांव पंचायत स्तर पर समिति का गठन कर स्थानीय नेहरू युवा केंद्र संगठन, क्रीड़ा क्लब, युवा क्लब या इसी के समकक्ष संगठन इस योजना को लागू करने में सहयोग मिलता है. भाग लेने वाले पंचायत वार्षिक खेल महोत्सव के आयोजन के लिए एक समिति का गठन कर सकते हैं. खेल महोत्सव का आयोजन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है. इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के युवा खिलाड़ी ले सकते हैं.

खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए योग्यता
पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में ग्राम पंचायत के सभी स्थानीय ग्रामीण युवा जो अपने प्रखंड, जिला तथा राज्य में रह रहे हों भाग ले सकते हैं और इसके लिए स्थानीय वोटर लिस्ट में उनका नाम होना जरूरी है. युवाओं में शारीरिक फिटनेस की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायत के सभी स्थानीय निवासी प्रखंड स्तर पर आयोजित खेल प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं.

भाग लेने वाले खेल प्रेमी, उर्जावान तथा युवा हों.

चालीस वर्ष की उम्र तक के युवा खेल प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं.

रोजगार अथवा स्वरोजगार करने वाले ग्रामीण क्षेत्र के युवा ही खेल प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं.

बारहवीं की परीक्षा पास कर ली हो. स्नातक किये युवा को प्राथमिकता.

बेहतर संचार कौशल का होना आवश्यक.

पुरस्कार राशि
प्रखंड स्तर पर आयोजित पंचायत युवा खेल और क्रीड़ा अभियान के तहत खेल प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन ग्राम पंचायत को पुरस्कार राशि प्रदान किया जाता है. प्रखंड स्तर के टूर्नामेंटों में पांच विभिन्न प्रकार के खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले पहला, दूसरा तथा तीसरा स्थान प्राप्त करने ग्राम पंचायतों को क्रमश: 25,000 रुपये, 15,000 रुपये तथा 5,000 रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदत्त की जाती है. इस राशि का उपयोग पंचायत क्रीड़ा केंद्र में आवश्यक खेल उपकरणों की खरीद तथा खेल सुविधाओं के विकास के लिए किया जाता है. राज्य स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में पुरस्कार राशि का 20 प्रतिशत विजेता टीम अथवा खिलाड़ी को प्रदान किया जाता है.

खेल छात्रवृत्ति
राज्य सरकार के कला, संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग की ओर से राज्य के युवा खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति दिया जाता है. खेल छात्रवृत्ति देने का उद्देश्य खिलाड़ियों के भोजन, पौष्टिक आहार तथा खेल उपकरण आदि के लिये सहायता प्रदान करना है. इस छात्रवृत्ति के लिए खिलाड़ियों का चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर होता है.

छात्रवृत्ति के लिये आवश्यक योग्यता
छात्रवृत्ति पिछले वर्ष के दौरान मान्यता प्राप्त खेल प्रतियोगिता में खेल प्रदर्शन के आधार पर दी जाती है.

यदि आवेदक इस अवधि में किसी अन्य खेल छात्रवृत्ति का लाभ उठा रहा है तो वह इसका लाभ लेने के लिए योग्य नहीं हैं.

छात्रवृत्ति की अवधि एक वर्ष की है तथा इसका नवीकरण आवेदक के खेल प्रदर्शन के आधार पर हो सकता है.

राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले सभी खेल के खिलाड़ी इस छात्रवृत्ति के पात्र हैं.

युवा खिलाड़ियों को यह छात्रवृत्ति झारखंड राज्य खेल प्राधिकरण के माध्यम से दिया जाता है.

छात्रवृत्ति की राशि

राष्ट्रीय खेल के लिए अहत्र्ता प्राप्त खेलों के राष्ट्रीय चैंपियनशिप में

प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त खिलाड़ियों/ टीमों के प्रत्येक खिलाड़ी – 6000 रुपये प्रतिमाह

चौथा से आठवें स्थान प्राप्त खिलाड़ियों/ टीमों के प्रत्येक खिलाड़ी – 4000 रुपये प्रतिमाह

राष्ट्रीय खेलों में शामिल सभी खेलों के अन्तरराज्यीय/ अंतरविश्वविद्यालयी/ राष्ट्रीय खेल के लिये खिलाड़ी चयन हेतू आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम से तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी/टीमों के प्रत्येक खिलाड़ी – 3000 रुपये प्रतिमाह.

राष्ट्रीय खेल स्पर्धा में अद्यतन प्रथम तीन स्थान के खिलाड़ी जिन्होंने समय, दूरी या रिकार्ड की बराबरी किया है- 4000 रुपये प्रतिमाह.

स्कूल गेम्स फेडेरेशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता, भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता, राष्ट्रीय स्तर के ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता, राष्ट्रीय स्तर के ग्रामीण महिला खेलकूद प्रतियोगिता आदि में पहला, दूसरा तथा तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी-800 रुपये, 600 रुपये तथा 500 रुपये प्रतिमाह.

जूनियर नेशनल में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे खिलाड़ी – 3000 /- प्रतिमाह.

मूक, बधिर, नेत्रहीन एवं अन्य शारीरिक रूप से विकलांग खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी -3000/- प्रतिमाह.

प्रधानमंत्री रोजगार योजना

प्रधानमंत्री रोजगार योजना का लक्ष्य शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार दिलाना है. इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक योग्यता निर्धारित की गई है.

आयु : 18 से 35 साल के शिक्षित बेरोजगार युवा. विकलांग जन, महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवा के लिए उम्र सीमा 18 से 45 वर्ष.

शैक्षणिक योग्यता : आठवीं पास. उन युवाओं को प्राथमिकता जिन्होंने किसी सरकारी अथवा मान्यता प्राप्त संस्थान से कम से कम 6 माह अवधि वाले किसी ट्रेड का प्रशिक्षण लिया हो.

आवासीय प्रमाण : स्वरोजगार करने वाला व्यक्ति तीन सालों से अपने स्थायी निवास पर रहा हो तथा वहां के राशन कार्ड में उसका नाम दर्ज है.

डिफाल्टर (कजर्दार) : स्वरोजगार करने वाला व्यक्ति किसी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीय संस्था या सहकारी बैंक का डिफाल्टर न हो. साथ ही सरकार द्वारा प्राप्त किसी अन्य अनुदान वाली सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया हो.

प्रक्रिया : वैसे शिक्षित बेरोजगार जो स्वयं का रोजगार करना चाहते हैं उन्हें पहले अपनी परियोजना का ब्योरा देना होता है. इस काम के लिये जिला औद्योगिक केंद्र अथवा लघु उद्योग सेवा संस्थान (एसआइएसआइ) से सलाह ले सकते हैं जो प्रधानमंत्री रोजगार योजना के लाभुकों के परियोजना प्रोफाइल बनाने में सहायता करते हैं. परियोजना के चयन के संबंध में मार्गदर्शन इन संस्थाओं द्वारा प्रदान किया जाता है. इसके बाद जिला औद्योगिक केंद्र अथवा स्थानीय बैंक को परियोजना प्रोफाइल के साथ अन्य जरूरी कागजात जैसे आवासीय प्रमाण पत्र, शिक्षा प्रमाण पत्र, आय तथा जाति प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र तथा फोटोग्राफ जमा किये जाते हैं. आवेदन करने वाले का इंटरव्यू होता है और इंटरव्यू के आधार पर इस योजना के तहत लाभ लेने वाले युवाओं को चयनित किया जाता है. पूरे साल में सभी जिलों में तीन चरण में साक्षात्कार आयोजित किये जाते हैं. आवेदन पूरे साल किया जा सकता है. लेकिन प्रत्येक साल के अप्रैल से जून महीना तक आवेदन करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है. बैंक लोन के लिए उम्मीदवार का चयन तथा स्वरोजगार के लिये प्रशिक्षण के लिए एक टास्क फोर्स कमेटी द्वारा साक्षात्कार लिया जाता है.

प्रशिक्षण : प्रत्येक शिक्षित बेरोजगार युवा को लोन की अनुमति प्राप्त होने के बाद विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाता है. प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक समाप्त हो जाने के बाद इन्हें प्रमाण पत्र दिया जाता है जिसे लोन प्राप्त करने के समय प्रस्तुत करना पड़ता है. इस काम में जिला औद्योगिक केंद्र तथा बैंकर्स की परियोजना संचालन में सहायता मिलती है.

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान
ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रूडसेटई) ग्रामीण युवाओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक बेहतर मौका देता है. भारत सरकार तथा राष्ट्रीय बैंकों के सहयोग से चलने वाले इस संस्थान को गरीबी रेखा से नीचे गांवों में रह रहे युवक-युवतियां के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण देने की जिम्मेवारी सौंपी गई है. योजना का क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार का सहयोग प्राप्त होता है. संस्थान में छोटी अवधि वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ साथ नि:शुल्क रहने और भोजन की व्यवस्था है. प्रशिक्षण के लिए उम्मीदवार का चयन उसकी योग्यता और रुझान का मूल्यांकन करने के बाद होता है और यह निर्णय लिया जाता है कि किस प्रकार का प्रशिक्षण उम्मीदवार को दिया जाये. कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रशिक्षण में दुग्ध उत्पादन,मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन,बागवानी,रेशम उत्पादन, मशरूम तथा फूलों की खेती आदि को शामिल किया गया है. उत्पाद प्रशिक्षण में वस्त्र निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, बिस्कुट तथा पावरोटी बनाना, पत्तों तथा पेपर से बनने वाले उत्पाद आदि शामिल किये गये हैं. इसके अलावा टीवी रेडियो रिपेयरिंग, छोटे और बड़े वाहनों की मरम्मत, मोबाइल फोन मरम्मत, डेस्कटॉप पब्शिलिंग, फोटोग्राफी तथा वीडियोग्राफी आदि का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाता है. ग्रामीण युवक -युवतियां इस प्रशिक्षण के लिए अपने जिला के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य से विस्तृत जानकारी ले सकते हैं. प्रखंड कार्यालय तथा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण से भी संपर्क कर इस प्रशिक्षण के बारे में जानकारी लेकर स्वयं का रोजगार अजिर्त कर सकते हैं.

चिकित्सा व तकनीक की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्तियां
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य तथा केंद्र सरकार की ओर से कई प्रकार की छात्रवृत्ति युवाओं को दी जाती है. इनमें मुख्य रूप से आंबेडकर तकनीकी छात्रवृत्ति तथा बिरसा मुंडा तकनीकी छात्रवृत्ति है.

आंबेडकर तकनीकी छात्रवृत्ति
आंबेडकर तकनीकी छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति के छात्रों को दिया जाता है जो राज्य के बाहर किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सा अथवा इंजीनियरिंग संस्थान में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हों. संस्थान में लगने वाला प्रवेश शुल्क, शिक्षण तथा परीक्षा शुल्क आदि में लगने वाली राशि इस छात्रवृत्ति के माध्यम से अदा की जाती है. आर्थिक सहायता एक वर्ष के लिए दी जाती है. छात्रवृत्ति के लिए कल्याण विभाग को आवेदन दिया जाता है. आवेदन प्रक्रिया के बाद चयनित छात्रों की छात्रवृत्ति राशि संस्थान के प्राचार्य को बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से भेज दिया जाता है.

बिरसा मुंडा तकनीकी छात्रवृत्ति
यह छात्रवृत्ति अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को दिया जाता है. राज्य से बाहर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय अथवा संस्थान से चिकित्सा या इंजीनियरिंग कर रहे छात्र-छात्राओं को 12 महीने की अवधि के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है. इस वित्तीय सहायता के माध्यम से संस्थान का शुल्क,परीक्षा शुल्क तथा अन्य शुल्क शामिल हैं. चयनित छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति संस्थान के प्रधानाध्यापक को भेज दी जाती है.

छात्रवृत्ति के लिए आदिवासी कल्याण आयुक्त, कल्याण विभाग, प्रोजेक्ट भवन, धुर्वा, रांची से संपर्क कर अधिक जानकारी ले सकते हैं.

उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप / फेलोशिप
युनाइटेड किंगडम (यूके) कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप
युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए भारत सरकार का मानव संसाधन मंत्रलय यूके कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप के माध्यम से वित्तीय सहायता देती है. इस छात्रवृत्ति की सहायता से छात्र स्नाकोत्तर, पीएचडी तथा चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा विदेशी संस्थान से कर सकते हैं. इसमें छात्रवृत्ति के माध्यम से 6 माह,12 माह तथा 36 माह तक की वित्तीय सहायता करती है.

स्कॉलरशिप के लिए योग्यता

छात्र-छात्रा भारत का निवासी है.

स्नातक तक की शिक्षा प्रथम श्रेणी से पास की है.

आवेदन के समय 40 वर्ष या उससे कम है.

फैलोशिप के लिए योग्यता

छात्र-छात्र भारत का नागरिक हो.

स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है.

डाक्टरेट की डिग्री प्राप्त कर ली है.

मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में शिक्षण में दो साल का अनुभव.


अधिक जानकारी के लिए इस पते पर संपर्क करें

उच्च शिक्षा विभाग

शास्त्री भवन

नई दिल्ली-110001

दूरभाष: 011-23383936/44

ईमेल- dhe-mhrd@nic.in

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना

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