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अगस्ता वेस्टलैंड : छोटी बहस में लंबी तकरार, रक्षा मंत्री बोले- घूस किसे दी, जांच करायेगी सरकार

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई. चर्चा के जवाब में रक्षा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि सौदे में भ्रष्टाचार हुआ था. सरकार जांच करायेगी कि रिश्वत किसे दी गयी. बचाव में आयी कांग्रेस ने कहा कि […]

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई. चर्चा के जवाब में रक्षा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि सौदे में भ्रष्टाचार हुआ था. सरकार जांच करायेगी कि रिश्वत किसे दी गयी. बचाव में आयी कांग्रेस ने कहा कि जांच तो यूपीए सरकार ने करायी थी.

नयी दिल्ली : विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि सौदे में भ्रष्टाचार हुआ था. देश जानना चाहता है कि इस भ्रष्टाचार में कौन शामिल था. किसने समर्थन किया और किसे फायदा हुआ. उन्होंने कहा कि मौजूदा जांच उन पर केंद्रित होगी, जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि ‘अदृश्य हाथ’ ने पूर्व में इस मामले की जांच को रोका.

रक्षा मंत्री ने बुधवार को अगस्ता वेस्टलैंड सौदे पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में यह बातें कहीं. चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष में जमकर तकरार हुई. रक्षा मंत्री के लिखित भाषण पर विपक्ष ने आपत्ति जतायी. सरकार ने मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की विपक्षी दलों की मांग को खारिज कर दिया. इस पर बाद में कांग्रेस व जदयू के सदस्य सदन से उठ कर चले गये.

रक्षा मंत्री ने इस मामले का तिथिवार ब्यौरा देते हुए कहा कि सीबीआई ने 12 मार्च, 2013 को एक मामला दर्ज किया था, किन्तु उसने नौ माह तक प्राथमिकी की प्रति इडी को नहीं दी. उसके बाद इडी ने जुलाई तक प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं की. पर्रीकर ने कहा,‘ऐसा प्रतीत होता है कि कोई अदृश्य हाथ सीबीआइ एवं इडी का मार्गदर्शन कर रहा था. रक्षा मंत्री ने कहा, सरकार घोटाले में शामिल लोगों को कानून के दायरे में लाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.

उन्होंने कहा कि सीबीआइ रिश्वत का धन कहां-कहां गया इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है. पर्रीकर ने कहा, मिलान अपील अदालत के फैसले के बाद रक्षा मंत्रालय ने संबद्ध कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने तथा हर्जाने की वूसली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है.

उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने कहा था कि ट्रायल के बारे में उन्होंने अपनी आपत्ति लिखित में दी थी. उन्होंने कहा कि एंटनी की ऐसा करने की आदत है.

इसके पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के भूपेंद्र यादव ने मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि वर्ष 1999 में वीवीआइपी लोगों के दौरों के लिए एमआइ-8 हेलीकॉप्टरों को बदलने की सिफारिश की गयी थी.

चर्चा के दौरान कांग्रेस ने मोदी सरकार पर केवल ‘आक्षेप और आरोपों’ के आधार पर एक राजनीतिक दल के प्रमुख को निशाना बनाने का आरोप लगाया. कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा के भूपेंद्र यादव द्वारा किये गये सवालों का एक के बाद एक कर जवाब देने का प्रयास किया. सिंघवी ने कहा कि भाजपा के मन में कुछ लोगों के लिए ‘गहरी नफरत’ है, जिसके चलते पार्टी उसके नेताओं को निशाना बना रही है.चर्चा में जदयू के शरद यादव, बसपा की मायावती, टीएमसी के सुखेंदु शेखर राय व माकपा के तपन सेन ने भाग लिया.

कार्रवाई करिए, धमकाइए मत
पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने चर्चा के दौरान कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदे में भ्रष्टाचार हुआ किन्तु तत्कालीन यूपीए सरकार ने कोई गलत काम नहीं किया. अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने वीवीआइपी के लिए खरीदे जाने वाले हेलीकाप्टरों के मानकों में बदलाव किये थे. एंटनी ने कहा, ‘संदेह पैदा करने का प्रयास मत करिए, आप सफल नहीं होंगे. यदि आपके पास सभी साक्ष्य हैं, तो कठोर कार्रवाई करिए. लेकिन, धमकी मत दीजिए और ब्लैकमेल मत करिए.’ इसी समय 6000 से 4000 फीट की ऊंचाई की गयी. फरवरी, 2013 में रक्षा मंत्रालय के कागज यह बात बताते हैं.

पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि 8 से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का निर्णय इसलिए बदला गया, ताकि चार डिफेंस के काम के लिए प्रयोग में लाया जा सके. आठ वीआईपी के लिए प्रयोग में लाये जाने थे. एंटनी ने कहा कि हमने इटली कोर्ट में केस दर्ज किया और हर सुनवाई में एक दल भेजा. हमें जैसे ही केस से जुड़े कागज मिले, हमने सीबीआइ जांच के आदेश दे दिये.

छोटी बहस में लंबी तकरार

डायरी में लिखा यह एपी कौन

वह कौन सी ताकत थी जिसने तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी को खरीदी से संबंधित शर्त बदलने को मजबूर किया. फैसले में किसी एपी का नाम है, जिसे राजनीतिक सचिव बताया गया है.
सुब्रम्णयम स्वामी, भाजपा

आरोप साबित हुआ तो इस्तीफा
आप मेरे खिलाफ हर तरह की जांच कराइए, बेबुनियाद आरोप नहीं लगाएं. सबके सामने सच्चाई लाइए. अगर आरोप सच साबित हुए, तो मैं राज्यसभा से इस्तीफा दे दूंगा. कोर्ट की निगरानी में जांच हो.
अहमद पटेल, कांग्रेस

दो साल में जांच क्यों नहीं पूरी
देश में बहुत सारी समस्याएं हैं, उस पर बहस होनी चाहिए. सरकार इस मामले पर जांच करे, लेकिन यहां उसे न उठाया जाये.सरकार बताये कि पिछले दो वर्षों में उसने इस मुद्दे पर कार्रवाई क्यों नहीं की.
शरद यादव, जद यू

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