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एक लड़की के सेक्स पर ‘पाकिस्तान में बवाल’

उपासना भट्ट बीबीसी मॉनिटरिंग शादी से पहले सेक्स पर एक पाकिस्तानी महिला के लेख ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है. ज़ेहरा हैदर के ‘वाइस’ पत्रिका में प्रकाशित लेख "पाकिस्तान में शादी से पहले सेक्स से मैंने क्या सीखा" ने बेहद रूढ़िवादी देश पाकिस्तान में लोगों को ख़ेमों में बा़ंट दिया है. अपने […]

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शादी से पहले सेक्स पर एक पाकिस्तानी महिला के लेख ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है.

ज़ेहरा हैदर के ‘वाइस’ पत्रिका में प्रकाशित लेख "पाकिस्तान में शादी से पहले सेक्स से मैंने क्या सीखा" ने बेहद रूढ़िवादी देश पाकिस्तान में लोगों को ख़ेमों में बा़ंट दिया है.

अपने 19वें जन्मदिन से ठीक पहले टोरंटो में बसी हैदर ने पाकिस्तान में शादी से पहले सेक्स के अपने अनुभवों और घर पर पता चलने पर मां-बाप की प्रतिक्रिया के बारे में लिखा है.

हैदरी लिखती हैं, "जब परिजनों को पता चलों तो उन्होंने इसे बेहद नाटकीय और तर्कहीन तरीक़े से लिया."

अपने लेख में उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान में सेक्स एक प्रतिबंधित विषय है. हमारे मर्दों के दबदबे वाले समाज में ऐसा करने पर पुरुषों के बारे में कोई राय नहीं बनाई जाती है. लेकिन यदि मध्यमवर्ग या ग़रीब परिवार की कोई लड़की शादी से पहले सेक्स करते हुए पकड़ी जाती है तो बवाल मच जाता है."

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अपने लेख में हैदर ने लिखा कि ओर्गास्म प्राप्त करने के लिए उन्हें कई तरीक़े अपनाने पड़े जो सिर्फ़ सैक्स तक सीमित नहीं थे.

कुछ लोगों ने इस साहसिक लेख के लिए हैदर का स्वागत किया है.

लेखिका बीना शाह ने इस बारे में बात कर ‘पाकिस्तान में सेक्स के अनकहे नियम को तोड़ने’ के लिए उनकी तारीफ़ की है.

शाह लिखती हैं, "मैं इस तरह के ‘कि-मैंने-क्या-किया’ जैसी लेखनी की फ़ैन नहीं हूँ लेकिन हैदर के मामले में मैं ये देख पा रही हूँ कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. उन्होंने पाकिस्तानी युवाओं के एक ख़ास वर्ग में सेक्स के लेकर प्रचलित दोहरे मापदंड पर हमला किया है."

हालांकि सभी को ज़ेहरा हैदर का लेख पसंद नहीं आया है.

हैदर को लिखे एक ख़ुले ख़त में अली मोइन नवाज़िश ने ‘संस्कृति पर टिप्पणी’ करने के लिए उनकी आलोचना की है.

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अपने फ़ेसबुक पन्ने पर नवाज़िश लिखते हैं, "मैं मानता हूं कि पाकिस्तान में कुछ मुद्दे हैं, कुछ लोग महिलाओं के साथ ग़लत व्यवहार करते हैं और इसे रोके जाने की ज़रूरत है. लेकिन पाकिस्तानियों को मानसिक तौर पर बीमार, धरती पर सेक्स के लिए सबसे अधिक दीवानगी रखनेवाले, और सेक्स की ख़वाहिशों को दबाने के लिए इलाज के ज़रूरतमंद वग़ैरह बताना खुलकर सेक्स न कर पाने की अपनी व्यक्तिगत कुंठा निकालने का एक दयनीय प्रयास है. अगर कुछ लोग अलग तरीक़े से रहते हैं तो वो उन्हें तुमसे कम ख़ुश या कम आज़ाद नहीं बना देते."

ट्विटर पर भी इस मुद्दे पर लोगों की राय बंटी हुई है. ज़ेहरा हैदर शुक्रवार से पाकिस्तान में ट्रेंड भी कर रही हैं.

वक़ास इक़बाल (‏@WaqasIq69937199) आलोचना करते हुए लिखते हैं, "ज़ेहरा हैदर को समझना चाहिए कि लोगों के सामने अपना दिमाग़ खोलने और टांगे फ़ैलाने में बहुत फ़र्क़ है."

सुनूस (@SunduSays) नाम के प्रोफ़ाइल से लिखा गया, "ज़ेहरा हैदर का लेख पढ़ा. ये अब तक का सबसे हास्यास्पद लेख है जो मैंने पढ़ा है."

एक अन्य यूज़र सैयदना (‏@Syednaa) लिखते हैं, "20 साल के भाई ने इज़्ज़त के नाम पर 16 साल की बहन का क़त्ल कर दिया. हम ज़ेहरा हैदर की आलोचना कर रहे हैं. पाकिस्तान की इज़्ज़त को सलाम."

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दान्याल (@DannyalQadri) लिखते हैं कि इस लेख के लिए ज़ेहरा हैदर को निशाना बनाया जाएगा. वे लिखते हैं, "ज़ेहरा हैदर, एक लड़की जिसका ग़ुनाह सिर्फ़ मासूमियत है. उनकी बहादुरी को दुष्टता समझा जाएगा."

पाकिस्तान की चर्चित स्तंभकार मेहर तरार (@MehrTarar) ने ट्वीट किया, "ज़ेहरा हैदर का विस्फ़ोटक लेख. ज़ेहरा हैदर, दुनिया के कोई भी अभिभावक, चाहे वो जिस देश में भी क्यों न हों, शादी से पहले अपनी बेटी के 12 सेक्स पार्टनर होने पर चिंतित तो होंगे ही."

जबकि कुछ को ये भी लगा कि ये बहस ही बेकार है.

ज़र्रार ख़ुहरो (@ZarrarKhuhro) लिखते हैं, "जब लोग ज़ेहरा हैदर के लेख पर बहस बंद कर दें तो कोई मुझे सूचित करे ताक़ि मैं ट्विटर पर वापस आ सकूं."

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