नयी दिल्ली : इटली की अदालत द्वारा अगस्टा वेस्टलैंड सौदा मामले में फैसला सुनाये जाने के बाद आज कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने दलील दी कि इस सौदे को रद्द कांग्रेस सरकार ने ही कराया था और इसकी जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी भी कांग्रेस के समय रक्षामंत्री रहे एके एंटोनी ने ही बनायी थी, जबकि हेलिकॉप्टर सौदों में बदलाव की शुरुआत भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में शुरू हो गया था. कांग्रेस के एक और नेता संदीप दीक्षित ने कहा के बयान का भी लब्बोलुआब यही था. जबकि भाजपा नेता वं दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटोनी बतायें कि घूस की राशि किसे दी गयी.
उधर, तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटोनी ने कहा कि हमारी सरकार ने उक्त कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया था. इटली की अदालत में हमारी सरकार ने मुकदमा लड़ा. सीबीआइ जांच हमारी सरकार ने करायी, डील को हमारी सरकार ने रद्द कराया. एंटोनी ने कहा कि अब मौजूदा सरकार इस मामले की जांच पूरी कराये और दोषी को सजा दे.
वहीं, इस मामले के आरोपी पूर्व सेना प्रमुख एसपी त्यागी के भाई संजीव त्यागी ने कहा है कि हमें जबरदस्ती इस केस में फंसाया गया है. हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है. हमारी इस केस में जरा भी संलिप्तता है.
क्या है मामला, क्या आया है फैसला
भारत सरकार के इटली की कंपनी से विवादित अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे मामले में इटली की अदालत ने माना है कि इसमें भारत के कुछ लोगों को रिश्वत दी गयी थी. इटली की अदालत ने अगस्टा वेस्टलैंड चाॅपर कंपनी के प्रमुख ऊर्सी व हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को घूस देने का दोषी माना है. इस मामले में कंपनी के प्रमुख ऊर्सी को चार साल की सजा मिली है. वहीं, अंगरेजी अखबार इकोनामिक टाइम्स ने अपनी खबर में कहा है कि इस मामले में इटली के मिलान की कोर्ट ने पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी को दोषी माना है. अखबार के मुताबिक 225 पेज की फैसले की कॉपी में 17 पेज का एक चैप्टर त्यागी पर है. हालांकि इकोनामिक टाइम्स ने लिखा है कि इस संबंध में उसके सवालों का जवाब त्यागी ने नहीं दिया है और कहा कि फैसले की पूरी कॉपी पढ़ने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देंगे. हालांकि त्यागी इस मामले में हमेशा खुद को निर्दोष बताते रहे हैं.
त्यागी 2005-07 तक भारतीय वायु सेना के प्रमुख थे और उसी समय अगस्टा वेस्टलैंड खरीदारी की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
भारत का इटली की कंपनी फिनमेक्कनिका कंपनी से 12 अगस्टावेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए साल 2010 में 3600 करोड़ का कारोबार हुआ था. इसमें तीन हेलिकॉप्टर की आपूर्ति की जा चुकी थी और 30 प्रतिशत राशि का भुगतान हुआ था. इस मामले में 362 करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप लगा था.
अगस्टाहेलिकाॅप्टर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति एवं अन्य वीवीआइपी के लिए उपयोग में लाये जाने थे. यूपीए शासन में हुए ये सौदे विवाद बढ़ने के बाद तीन हेलिकॉप्टर आने के बाद ही रद्द कर दी गयी. इस मामले सेना तत्कालीन सेना प्रमुख एसपी त्यागी सहित तीन पर टेंडर की शर्तों में बदलाव के आरोप लगे थे.
इस सौदे में अदालत ने बिचौलियों के पास जब्त हस्तलिखित दस्तावेज के आधार पर माना कि अगस्टा कंपनी ने अपने हेलिकॉप्टर बेचने के लिए भारत में करीब 125 करोड़ रुपये के घूस बांटे हैं. हालांकि कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट नहीं है कि घूस किसे दी गयी है. न्यूज एजेंसी एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी जिक्र किया. साथ ही इस फैसले में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह व यूपीए के समय के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन का भी जिक्र किया गया है. ध्यान रहे कि इस सौदे पर सीएजी ने भी सवाल उठाये थे.
प्रवर्तन निदेशालय करे जांच : किरीट सोमैया
भाजपा के सांसद किरीट सोमैया किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि इस सौदे में कांग्रेस के नेताओं ने घूस की रकम खायी है. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय से करायी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि यह रकम किसके-किसके खाते में गयी. कल भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने भी लोकसभा में यह मामला उठाया था.