आइएसआइएस आज की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है़ आतंक का यह सबसे बड़ा अड्डा अपनी ताकत और बढ़ा कर दुनिया भर में अपने पैर पसार रहा है़ इसके लिए उसने इंटरनेट और सोशल मीडिया का सहारा लिया है़ इसके नुमाइंदे युवाओं को अपने झांसे में फंसा रहे हैं. इसमें फंसने और फंसानेवालों में भारतीय भी शामिल हैं. आइए पढ़ें पहली कड़ी
दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन माना जानेवाला आइएसआइएस अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इराक और सीरिया से निकल कर दुनिया के कई अन्य देशों में अपने पैर पसार रहा है़ इंटरनेट के जरिये उसके नुमाइंदे लोगों, खास कर युवाओं को दिग्भ्रमित कर अपने जल में फंसा रहे हैं.
हमारे देश से भी पिछले कुछ महीनों में सुरक्षा दस्तों ने ऐसे कुछ लोगों को पकड़ा है, जिन पर आइएसआइएस में शामिल होने का संदेह था़ इन्हीं में एक है पुणे की रहनेवाली 17 साल की हलीमा अल सादिया़ 11 वीं की यह छात्रा पढ़ने-लिखने में काफी तेज है और स्कूल के दिनों में इसका रिजल्ट 90 प्रतिशत के आसपास रहता था़ महाराष्ट्र एटीएस ने दिसंबर, 2015 में इसे तब पकड़ा जब वह आइएसआइएस में शामिल होने के लिए सीरिया जाने की पूरी तैयारी कर चुकी थी़ एटीएस की टीम बीते कुछ महीनों से इसकी इंटरनेट एक्टिविटी के आधार पर इस पर नजर बनाये हुए थी़ महाराष्ट्र एटीएस के मुताबिक आइएसआइएस के नुमाइंदे इंटरनेट और ऑनलाइन चैटरूम के जरिये दुनिया भर के नौजवानों को फांस कर उन्हें आतंक की लड़ाई में झोंक रहे हैं. उनके निशाने पर हमारा देश भी है़ आइएसआइएस के आतंकी नाबालिग लड़के-लड़कियों को धर्म और दौलत के नाम पर बरगला कर उन्हें सीरिया बुला रहे हैं.
चिंता की बात यह है कि वे अपने मंसूबों में कामयाब भी हो रहे हैं और बड़ी तादाद में हमारे देश के युवा उनके इस झांसे में फंस रहे हैं. एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में कई नौजवान आइएसआइएस की वर्चुअल दुनिया में फंस चुके हैं. हम समुदाय के ऐसे बुद्धिजीवी लोगों के संपर्क में हैं जो ऐसे नौजवानों को डी-रैडिकलाइज करने में हमारी मदद करते हैं. अंगरेजी पत्रिका द वीक में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 17 साल की एक नाबालिग हलीमा से महाराष्ट्र एटीएस की टीम ने जब आइएसआइएस से उसके रिश्ते के बारे में पूछताछ की, तो उसने इसलामिक स्टेट से जुड़े ऐसे राज उगले, जिन्हें सुन कर एटीएस के अफसर सन्न रह गये. हलीमा ने बताया कि कैसे आइएसआइएस के आतंकी नौजवानों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें हैवानित की ट्रेनिंग देते हैं और फिर इंसानियत के खिलाफ जंग में उनका इस्तेमाल करते हैं. एटीएस के मुताबिक, आतंकियों ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिये इस नाबालिग लड़की को बरगलाया और फिर उसे आइएसआइएस में शामिल होने के लिए राजी कर लिया था़ पकड़े जाने से लगभग दो हफ्ते पहले महाराष्ट्र एटीएस को इस लड़की के आइएसआइएस कनेक्शन की जानकारी मिली़ इसके बाद एटीएस ने उससे पूछताछ शुरू की़ करीब दो हफ्ते तक चली पूछताछ में हलीमा ने जो बातें बतायीं, वो चौंकाने वाली हैं.
एटीएस पुणे के एसीपी भानु बर्गे के मुताबिक हलीमा ने आइएसआइएस के ऑनलाइन चैटरूम पर बताया था कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है़ जब आइएसआइएस के नुमाइंदों ने उसे पूरी तरह शीशे में उतार लिया, तो उसे सीरिया बुलाया गया़ उसे बताया गया था कि सीरिया में मेडिकल काॅलेज में एडमिशन दिया जायेगा, लेकिन भारत में भी जो कहा जायेगा, उसे वह काम करना होगा़ बताया जाता है कि हलीमा अल सादिया सिराजुद्दीन के संपर्क में भी आ गयी थी़ गौरतलब है कि इंडियन ऑयल के लिए काम करने वाले सिराजुद्दीन को पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था़ पुलिस के मुताबिक सिराजुद्दीन सोशल मीडिया के जरिये नौजवानों से संपर्क साधता था और फिर उनका ब्रेनवॉश कर आइएसआइएस से जोड़ता था़.