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काम के दबाव के चलते 45 वर्ष की उम्र के बाद ही रिटायर होना चाहते हैं 59 प्रतिशत भारतीय
वैश्विक बैंक एचएसबीसी द्वारा हाल में कराये गये सर्वेक्षण में सामने आया है कि देश में 45 साल से अधिक की 59 फीसदी कामकाजी आबादी अगले पांच साल में रिटायर होना चाहती है. इस रिटायरमेंट की ख्वाहिश का मुख्य कारण काम के दबाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होना पाया गया है. रिपोर्ट के […]
वैश्विक बैंक एचएसबीसी द्वारा हाल में कराये गये सर्वेक्षण में सामने आया है कि देश में 45 साल से अधिक की 59 फीसदी कामकाजी आबादी अगले पांच साल में रिटायर होना चाहती है. इस रिटायरमेंट की ख्वाहिश का मुख्य कारण काम के दबाव से मानसिक और
शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होना पाया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार 45 साल से अधिक की उम्र के 27 फीसदी लोग कामकाज को उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़नेवाले प्रभाव की वजह से रिटायरमेंट लेना चाहते हैं. जबकि 40 फीसदी का मानना है कि खराब स्वास्थ्य की वजह से रिटायरमेंट के लिए बचत करना कठिन होगा.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि
43 फीसदी लोग भारत में अगले पांच साल में रिटायर होकर अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं.
34 फीसदी यात्रा और अपनी अन्य रुचियों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, जबकि 20 फीसदी किसी दूसरे कैरियर या कोई अपना काम करना चाहते हैं.
59 फीसदी लोगों का कहना है कि वे काम से जुड़े दबाव की वजह से रिटायर होना चाहते हैं.
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