28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन खत्म, हरीश रावत सरकार बहाल

फैसला. हाइकोर्ट ने 29 को बहुमत सािबत करने को कहा उत्तराखंड हाइकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाते हुए हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया. उन्हें 29 अप्रैल को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने को कहा गया है. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की […]

फैसला. हाइकोर्ट ने 29 को बहुमत सािबत करने को कहा

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाते हुए हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया. उन्हें 29 अप्रैल को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने को कहा गया है. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने के स्पीकर के फैसले को भी सही करार दिया. इसे केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि केंद्र इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा. उत्तराखंड में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था.

नैनीताल : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ा झटका देते हुए उत्तराखंड हाइकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को गुरुवार को निरस्त कर दिया. कोर्ट ने हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया, जिन्हें 29 अप्रैल को सदन में अपना बहुमत साबित करना होगा.

हाइकोर्ट ने अनुच्छेद-356 के तहत 27 मार्च को की गयी घोषणा के लिए केंद्र से नाराजगी जतायी. मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाना सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित कानून के विपरीत है. राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए जिन तथ्यों पर विचार किया गया उनका कोई आधार नहीं है.

मालूम हो कि अपदस्थ मुख्यमंत्री रावत ने राष्ट्रपति शासन की घोषणा को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. हाइकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति शासन की घोषणा से पहले की यथास्थिति बनायी जायेगी, जिसका अर्थ हुआ कि याचिकाकर्ता रावत के नेतृत्व वाली सरकार बहाल होगी.

याचिकाकर्ता को 29 अप्रैल को शक्ति परीक्षण करके विश्वास मत हासिल करना चाहिए. इससे पूर्व उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने गुरुवार को फिर सख्त टिप्पणी की.

कोर्ट ने पूछा कि क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है? केंद्र से पूछा कि यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा. बुधवार को भी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले पर पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि भारत में संविधान से ऊपर कोई नहीं है. केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और हरीश रावत की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की. उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस मुद्दे पर बैठक की .

मोदी और शाह मांगें माफी : कांग्रेस

कांग्रेस ने भाजपा पर जम कर हमला बोला. संविधान की हत्या और लोकतंत्र को कुचलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से माफी मांगने की मांग की. एआइसीसी के संवाद प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अदालत के फैसले को उत्तराखंड के लोगों, लोकतंत्र और संवैधानिक प्रावधानों की जीत करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी फैसले से सीख लेनी चाहिए.

फैसला भविष्य के लिए नजीर : स्पीकर

उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि फैसला केंद्र सरकार के मुंह पर एक तमाचा है, जिसने तानाशाही से एक चुनी हुई सरकार को भंंग करने का प्रयास किया. यह फैसला भविष्य में देश के लिये एक नजीर साबित होगा.

खरी-खरी : क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?

नौ बागियों की सजा बरकरार

हाइकोर्ट ने कांग्रेस के नौ असंतुष्ट विधायकों की सदस्यता समाप्त किये जाने को बरकरार रखते हुए कहा कि उन्हें अयोग्य होकर दलबदल करने के ‘संवैधानिक गुनाह’ की कीमत अदा करनी होगी. स्पीकर ने नौ बागियों की सदस्यता समाप्त कर दी थी.

फैसले के िखलाफ केंद्र जायेगा सुप्रीम कोर्ट

केंद्र सरकार ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगी. वहीं हाइकोर्ट ने अपने फैसले पर स्थगन लगाने की केंद्र के वकील की मौखिक अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं और स्थगन आदेश प्राप्त कर सकते हैं.

गणित रावत के पक्ष में

71 सदस्यों वाली विस में कांग्रेस के 36 में से 9 बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त होने के बाद अब सदस्य संख्या 62 रह गयी है. बहुमत के लिए 32 विधायकों की जरूरत होगी. रावत का दावा है कि कांग्रेस के 27 समेत तीन निर्दलीय, बीएसपी के दो और यूकेडी का एक विधायक उनके साथ है.

अब तो प्रधानमंत्री राज्य के िवकास में करें सहयोग

इस फैसले के बाद हरीश रावत ने कहा कि जो जो भी कोर्ट का आदेश है हम उसका पालन करेंगे. यह लड़ाई अब उत्तराखंड के सम्मान की बन चुकी है, जहां हम सबसे बड़ी पार्टी हैं। 34 विधायक हमारे साथ हैं. रावत ने कहा कि मैं केंद्र से अब भी राज्य के साथ सहयोग की अपील करता हूं. इसके साथ ही मैं कड़वी यादों को भूल कर आगे बढ़ना चाहता हूं. अपने सहयोगियों और केंद्र से आगे बढ़कर काम करने की बात कहना चाहता हूं. वो चौड़े सीने वाले लोग, हम सिर झुका कर काम करने वाले लोग हैं.

अटॉर्नी व सॉलिसिटर जनरल को हटाये केंद्र : स्वामी

भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने हाइकोर्ट के फैसले के बाद अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने केंद्र सरकार से दोनों ही वकीलों को हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट में केंद्र सरकार के वकीलों की दलीलों से लगा कि अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की बिलकुल तैयारी नहीं थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें