
फ़िल्म ‘रोजा’ और ‘बॉम्बे’ से मशहूर हुए दक्षिण भारतीय अभिनेता अरविंद स्वामी सात साल पहले एक दुर्घटना के बाद लकवा का शिकार हो गए थे.
सुपरस्टार बनने की राह पर निकला ये हीरो चलना तो दूर, ठीक से उठ बैठ भी नहीं पाता था क्योंकि उनके दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया था.
लेकिन 20 साल बाद वो अपनी नई फ़िल्म ‘डियर डैड’ से वापसी कर रहे हैं.
इतना कुछ होने के बाद भी अरविंद खुश हैं. वो कहते हैं, "मैं खुश हूँ कि मैं आज आप सब के बीच ज़िंदा हूँ और फिर से अभिनय कर पा रहा हूँ वरना सात साल पहले की उस दुर्घटना के बाद मैं कई सालों तक ठीक से उठ-बैठ भी नहीं सकता था."

वैसे तो अरविंद ने 2006 में ही अभिनय को बिज़नेस के लिए अलविदा कह दिया था, लेकिन फिर चोट के बाद उन्होंने खुद को अभिनय में वापस लाने की ठानी.
अरविंद कहते हैं, "अपनी चोट से उबरने के बाद मैंने 2013 में निर्माता निर्देशक मणिरत्नम की तमिल फ़िल्म ‘कादल’ में काम किया और वो फ़िल्म संयोगवश बेहद कामयाब रही."

अरविंद की आख़िरी हिंदी फ़िल्म जूही चावला के साथ 1998 में आई ‘सात रंग के सपने’ थी और अब वो ‘डियर डैड’ में नज़र आएंगे.
अपने लंबे गैप पर नज़र डालते हुए अरविंद बताते हैं, "मैं कभी भी एक्टर नहीं बनना चाहता था और मैं स्टारडम के लिए तैयार नहीं था इसलिए मैंने अभिनय से दूरी कर ली."
‘डियर डैड’ नाम के मुताबिक पिता और पुत्र के रिश्तों पर आधारित फ़िल्म है जो 6 मई को रिलीज़ होने वाली है और इसका निर्देशन तनुज भ्रामर ने किया है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)