दक्षा वैदकर
जब भी किसी युवा की नयी-नयी जॉब लगती है, वह दिल खोल कर अपनी खुशी जाहिर करता है. कुछ साल वह सिर्फ ड्रेसेज, जूते, परफ्यूम, घड़ियां जैसी चीजें खरीदता है. फिल्में देखने जाता है, रेस्टोरेंट में दोस्तों को ट्रीट देता है. घरवालों के लिए शॉपिंग करता है. यह सब अच्छी बात भी है, लेकिन याद रखें, जब आप 30 के करीब पहुंच जायें, तो आपको कुछ प्लानिंग करना शुरू कर देना चाहिए. वरना बाद में पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचता.
प्लान करें अपना घर : बेहतर होगा कि आप आलतू-फालतू की चीजों पर खर्च करने की बजाय अपना मकान या फ्लैट खरीदने में रकम का निवेश करें. लोन लेने पर इएमआइ के रूप में जो रकम आप चुकायेंगे, वह खर्च नहीं, बल्कि निवेश है. भविष्य में आपके पास आपका खुद का घर होगा.
बचत की सोचें : सैलरी हाथ में आते ही कुछ रकम अलग से जमा करने की आदत डालें. यह आगे चल कर आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा. इसके लिए एक अलग बचत खाता रखें या एक रेकरिंग एकाउंट खोलें, ताकि आप आसानी से उस पैसे को निकालने की न सोचें.
इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें : वैसे तो बाजार में इंश्योरेंस कंपनियों की भरमार है, लेकिन बेहतर यही होगा कि आप गुमराह न हो कर अपनी जरूरत को देखते हुए एक अच्छी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें. इसके लिए ऑनलाइन कंटेंट सर्च करें. दो-तीन अलग-अलग एजेंटों से सलाह लें, फिर तय करें कि कौन-सी पॉलिसी आपके लिए बेहतर है.
ज्यादा ब्याज पर लोन से बचें : माना कि आजकल हर चीज को आसान किश्तों पर खरीदने का विकल्प उपलब्ध है और हर कोई इसका फायदा ले रहा है, लेकिन ध्यान रखें कि मुफ्त सेवा करने कोई नहीं बैठा है और फाइनेंस करने वाला ब्याज लेता है. अगर ब्याज की रकम बहुत ज्यादा है, तो उससे बचने में ही भलाई है. इसलिए खासकर पर्सनल लोन से बचें.