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‘नशे में घुसे थे पाकिस्तान में, जासूस नहीं थे’

रविंदर सिंह रॉबिन अमृतसर, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए लाहौर की कोट लखपत जेल में 1992 से बंद भारतीय नागरिक कृपाल सिंह की मौत सोमवार को हो गई थी. उनके परिवार ने पाकिस्तान से उनका शव भारत लाने की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक़ कृपाल सिंह को सीने में दर्द के बाद कोट […]

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लाहौर की कोट लखपत जेल में 1992 से बंद भारतीय नागरिक कृपाल सिंह की मौत सोमवार को हो गई थी.

उनके परिवार ने पाकिस्तान से उनका शव भारत लाने की मांग की है.

सूत्रों के मुताबिक़ कृपाल सिंह को सीने में दर्द के बाद कोट लखपत जेल प्रशासन ने उन्हें जिन्ना अस्पताल में भर्ती किया था जहां उनका निधन हो गया.

पाकिस्तान में आईजी जेल फ़ारूक़ नज़ीर ने बीबीसी की शुमैला जाफ़री को बताया कि कृपाल सिंह के शव का नियम के अनुसार पोस्टमोर्टम किया जाएगा.

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कृपाल सिंह के भांजे अश्वनी कुमार ने कहा कि मुस्तफ़ाबाद के रहने वाले कृपाल सिंह ने नशे की हालत में भारत पाकिस्तान सीमा पार कर ली थी.

अश्वनी कुमार के मुताबिक़ पाकिस्तान में उन्हें बम धमाके के एक मामले में फंसाया गया था, जिसमें उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई थी.

उन्होंने कहा कि उन्होंने कृपाल सिंह को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए भारत सरकार से हस्तक्षेप की अपील की थी लेकिन किसी ने नहीं सुनी.

कृपाल सिंह की रिश्तेदार कांता देवी ने कहा है कि सरकार को पाकिस्तान से कृपाल सिंह के शव को वापस लाना चाहिए ताकि उनका अंतिम संस्कार पारंपरिक तरीक़े से किया जा सके.

2013 में कोट लखपत जेल में एक और भारतीय नागरिक सरबजीत की भी मौत हो गई थी.

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सरबजीत की रिहाई की लड़ाई लड़ने वाली उनकी बहन दलबीर कौर का कहना है, ”मुझे कृपाल सिंह की मौत प्राकृतिक मौत नहीं लगती है. कृपाल जेल में सरबजीत के बग़ल वाली सेल में बंद थे. मैंने पाकिस्तान में भारतीय कैदियों के नाम की सूची विदेश मंत्री को दी थी जिसमें कृपाल सिंह का भी नाम था.”

दलबीर कौर का कहना है कि अगर पाकिस्तान सरकार कृपाल सिंह को रिहा कर देती तो सरबजीत की मौत का सच सामने आ जाता.

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