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ऑफिस में कर्मचारियों को दें दोस्ताना माहौल

।। दक्षा वैदकर ।। मैं ने कई ऑफिस ऐसे देखे हैं, जहां बहुत गंभीर माहौल होता है. कर्मचारी सिर्फ कंप्यूटर पर आंखें गड़ाये काम करते रहते हैं. वहां हंसने-बोलने की इजाजत नहीं होती, न ही किसी और बात पर चर्चा हो सकती है.बॉस भी इस तरह की शक्ल लिये पूरे ऑफिस में घूमते हैं, जैसे […]

।। दक्षा वैदकर ।।

मैं ने कई ऑफिस ऐसे देखे हैं, जहां बहुत गंभीर माहौल होता है. कर्मचारी सिर्फ कंप्यूटर पर आंखें गड़ाये काम करते रहते हैं. वहां हंसने-बोलने की इजाजत नहीं होती, न ही किसी और बात पर चर्चा हो सकती है.बॉस भी इस तरह की शक्ल लिये पूरे ऑफिस में घूमते हैं, जैसे मुस्कुराहट किस चिड़िया का नाम है, इन्हें पता ही नहीं. किसी के गुड मॉर्निग का जवाब भी वे मुस्कुरा कर नहीं देते, सिर्फ सीना ताने एक घमंडी इनसान की तरह चलते जाते हैं. उनके हॉल में घुसते ही लोग इस तरह अपनी कुर्सी काम से चिपक जाते हैं जैसे शेर के आने से अन्य छोटेमोटे जीव अपने बिल में घुस जाते हैं.

इस तरह का माहौल कर्मचारियों का तनाव बढ़ाता है और उनकी कार्यक्षमता घटाता है. ऐसे माहौल की वजह से कर्मचारी अपनी कंपनी व बॉस के साथ बेहतर व भावनात्मक रिश्ता नहीं बना पाते. मौका मिलते ही कंपनी छोड़ देते हैं.

एक अच्छी कंपनी या लीडर वही है, जो अपने कर्मचारियों को काम करने के लिए बेहतर व दोस्ताना माहौल दे. उन्हें इतनी छूट दें कि वे लीडर से खुल कर अपने विचार शेयर कर सकें. क्रिएटिव आइडिया पर काम कर सकें.

एक स्मार्ट लीडर वही है, जो टीम की कार्यक्षमता बढ़ाने की तरफ ध्यान दे. ऑफिस में खुला वातावरण रखे, जिससे वह टीम के सदस्यों के साथ घर-परिवार की बातें भी कर सके. लीडर को चाहिए कि वह उबाऊ व थकाऊ काम को खुशी और आनंद में तब्दील कर दे. टीम को एक-दूसरे से मिलने का मौका दे, खुद भी उनके साथ ऑफिस के अलावा वक्त गुजारे. चाय के बहाने ही सही, लेकिन उन्हें जानने की कोशिश करे. अपने अनुभव और मजेदार किस्से सुनाये और उनके भी सुने.

इस तरह आप अपने कर्मचारियों की सोच व शौक जान सकेंगे. आपको पता चलेगा कि किस कर्मचारी से कौन-सा काम बेहतर तरीके से कराया जा सकता है. बस इतना ध्यान रखें कि समय-समय पर आप उन्हें यह भी याद दिलाते रहें कि आप ही बॉस हैं. दोस्ताना व्यवहार में कहीं वे आपको कंधे पर हाथ रख कर, हाथों में ताली मार कर बात करना न शुरू कर दें.

बात पते की..

– कर्मचारियों को डरा कर काम कराने से बेहतर है कि उनमें टीम भावना को जगाएं. इस तरह वे रिलैक्स हो कर बेहतर काम कर सकेंगे.

– कर्मचारी भी इस बात का ध्यान रखें कि अगर बॉस आपसे दोस्ताना व्यवहार रखता है, इसका मतलब ये नहीं है कि आप उनकी इज्जत न करें.

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