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दुनिया का पहला स्टैंडिंग क्लासरूम शुरू

स्वास्थ्य एवं मस्तिष्क की होगी मॉनीटरिंग आखिर बैठना नुकसानदेह क्यों है? हमारा शरीर शर्करा से एक खास तरीके से निबटता है. ज्यादा बैठना शरीर के उसी खास तरीके पर अपना असर डालता है. जब हम कुछ खाते हैं, हमारा शरीर उसे ग्लूकोज में बदलता है, और फिर यह रक्त के जरिये दूसरी कोशिकाओं में प्रवाहित […]

स्वास्थ्य एवं मस्तिष्क की होगी मॉनीटरिंग

आखिर बैठना नुकसानदेह क्यों है?

हमारा शरीर शर्करा से एक खास तरीके से निबटता है. ज्यादा बैठना शरीर के उसी खास तरीके पर अपना असर डालता है. जब हम कुछ खाते हैं, हमारा शरीर उसे ग्लूकोज में बदलता है, और फिर यह रक्त के जरिये दूसरी कोशिकाओं में प्रवाहित हो जाता है. ग्लूकोज शरीर को जरूरी ऊर्जा देने के लिए अनिवार्य है. मगर यदि शरीर में इसका ऊंचा स्तर लगातार बना रहे तो हमारे लिए डायबीटीज और दिल के रोग जैसी बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता है. शरीर में मौजूद पैंक्रि याज ग्लूकोज के आदर्श स्तर को बनाये रखने के लिए आवश्यक हारमोन इंसुलीन पैदा करता है. हम शारीरिक रूप से जितना सक्रि य होते हैं, पैंक्रि याज यह प्रक्रिया उतनी कुशलापूर्वक संपत्र करता है.

ज्यादातर बाच्चोंको पसंद

मोंट अल्बर्ट प्राइमरी स्कूल में छठी क्लास के बच्चों के लिए क्लासरूम में ऐसी डेस्क लगायी गयी है, जिनकी हाइट बच्चा अपने अनुसार एडजस्ट कर सकता है. यानी वह बैठकर या खडे. होकर पढ़ाई कर सकता है. यह क्लासरूम सिस्टम बतौर एक्सपेरिमेंट चलाया जा रहा है और इसे अंजाम दे रहे हैं बेकर आइडीआइ हार्ट एंड डायबीटीज इंस्टिट्यूट के रिसर्चर. इस तरह की डेस्क बच्चों को दिये हुए दो महीने से ज्यादा बीत गये हैं. ज्यादातर बच्चों ने खडे. होकर पढ़ाई करने का ऑप्शन चुना है. ज्यादा देर तक बैठे रहने से होगा नुकसान, इसलिए प्रायोगिक तौर पर ऑस्ट्रेलिया में अनूठे क्लासरूम की हुई शुरु आत.

मेलबर्न :बच्चों में मोटापे की बढ.ती दर से चिंतित ऑस्ट्रेलिया के एक प्राइमरी स्कूल ने अनोखी पहल की है. इस स्कूल ने क्लासरूम सिस्टम ही ऐसा बनाया है जिसमें बच्चों को खडे. होकर ही पढ.ना होगा. यानी यहां दुनिया के पहले स्टैंडिंग क्लासरूम की शुरुआत की गयी है.स्वास्थ्य एवं मस्तिष्क की होगी मॉनीटरिंगजो बच्चे खडे. होकर पढ़ाई करते हैं, रिसर्चर उनकी मॉनिटरिंग करके पता लगायेंगे कि क्या इससे उनकी हेल्थ, फिटनेस, लर्निंग और मेमोरी बेहतर हुई है. इसके अलावा डेस्क पर ऐसी डिवाइस भी लगी रहेंगी, जिनसे पता लगेगा कि बच्चा कितनी देर बैठकर पढ.ता रहा था. इंस्टिट्यूट में फिजिकल एक्टिविटी रिसर्च के हेड प्रोफेसर डेविड डंस्टन का कहना है कि स्कूल में ज्यादा समय तक बैठे रहने से बच्चों को नुकसान होता है और स्टैंडिंग क्लासरूम का मकसद इस नुकसान को ही कम करना है.

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