अगर आप यह समझते हैं कि ई-सिगरेट आम तौर पर प्रचलित सिगरेट का सुरक्षित विकल्प है, तो आप गलत हैं. एक नये शोध में इसे सेहत के लिए काफी घातक बताया गया है. अमरीका में हुए इस शोध के मुताबिक, ई-सिगरेट पीनेवाले लोग, पारंपरिक सिगरेट पीने वालों की तुलना में अधिक लती हो गये हैं. इसके साथ ही अधिक विषैले पदाथरें का अनजाने में ही सेवन कर रहे हैं.
यह था शोध : न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के बेसिक साइंस एवं क्रै नियाफेसियल बायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दीपक सक्सेना के अनुसार, आठ अमेरिकी कॉलेजों के ई-सिगरेट पीने वालेछात्रों को इस शोध में शामिल किया गया था. इस शोध से 12 प्रतिशत छात्रों ने कभी पारंपरिक सिगरेट का सेवन नहीं किया था. लेकिन इन छात्रों में पारंपरिक सिगरेट पीनेवाले लोगों से अधिक मात्रा में निकोटीन और अन्य विषैले रसायन पाये गये.
क्या है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाली ऐसी सिगरेट होती है जिसमें निकोटीन का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि इसकी जगह गैर-निकोटीन का वैपोराइज लिक्विड प्रयोग किया जाता है जो सिगरेट जैसा स्वाद देता है. देखने में ई-सिगरेट असली सिगरेट की तरह लगती है, बस ई-सिगरेट की लंबाई थोड़ी ज्यादा होती है. यह उन लोगों के लिए फायदेमंद बतायी जाती है जो लोग सिगरेट छोड़ना चाहते हैं. ई-सिगरेट 2003 में एक चीनी फार्मासिस्ट होन लिक द्वारा ईजाद की गयी थी.
निकोटिन के साथ विषैले रसायन भी
ई-सिगरेट को निकोटीन-फ्री कह कर काफी सुरक्षित होने का प्रचार किया जाता है. लेकिन यह भी पारंपरिक सिगरेट से कम खतरनाक नहीं है. अमेरिकी वैज्ञानिकों के नवीनतम शोध बताते हैं कि ई-सिगरेट पीने वाले अनजाने में पारंपरिक सिगरेट पीने वालों की अपेक्षा अधिक निकोटिन और अन्य तमाम विषैले रसायनों का अवशोषण कर रहे हैं.