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@ की क्या महत्ता है? इसके बिना ई-मेल अधूरा क्यों है ?

अंगरेजी के ऍट या स्थान यानी लोकेशन का यह प्रतीक चिह्न है. शुरू में इसका इस्तेमाल गणित में ‘ऍट द रेट ऑफ’ यानी दर के लिए होता था. इ-मेल में इसके इस्तेमाल ने इसके अर्थ का विस्तार कर दिया. इ-मेल में पते के दो हिस्से होते हैं. एक होता है लोकल पार्ट जो @ के […]

अंगरेजी के ऍट या स्थान यानी लोकेशन का यह प्रतीक चिह्न है. शुरू में इसका इस्तेमाल गणित में ‘ऍट द रेट ऑफ’ यानी दर के लिए होता था. इ-मेल में इसके इस्तेमाल ने इसके अर्थ का विस्तार कर दिया. इ-मेल में पते के दो हिस्से होते हैं. एक होता है लोकल पार्ट जो @ के पहले होता है. इसमें अमेरिकन स्टैंडर्ड कोड फॉर इंफॉर्मेशन इंटरचेंज (एएससीआइआइ) के तहत परिभाषित अक्षर, संख्या या चिह्न शामिल हैं. चिह्न @ के बाद डोमेन का नाम लिखा जाता है. यानी इस चिह्न के पहले व्यक्ति या संस्था का नाम बतानेवाले संकेत और उसके बाद डोमेन नाम.
राइट-टू-रिकॉल क्या है?
राइट-टू-रिकॉल का मतलब है, चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाना. एथेंस के नगर लोकतंत्र में यह व्यवस्था थी. अमेरिका की राज्य क्रांति के मूल तत्वों में नागरिक के इस अधिकार का जिक्र भी है. पर संविधान में इसकी व्यवस्था नहीं है. फिर भी देश के 18 राज्यों में इसकी व्यवस्था है. सन, 2011 में 150 रिकॉल चुनाव हुए, जिनमें 75 पदाधिकारियों को उनके पद से हटाया गया. ये रिकॉल सिटी काउंसिल, मेयर, स्कूल बोर्ड वगैरह में हुए हैं.
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में इसकी व्यवस्था है. स्विट्जरलैंड में संघीय स्तर पर तो नहीं, पर छह कैंटनों में इसकी व्यवस्था है. वेनेजुएला में सन, 2004 में राष्ट्रपति ह्यूगो शावेस को हटाने के लिए जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें जनता ने उन्हें अपने पद पर बने रहने का आदेश दिया. भारत में भी इस अधिकार की मांग की जा रही है. इस अधिकार के साथ अनेक दिक्कतें जुड़ी हैं. राजनीति में आरोप लगाना आसान होता है. भारत जैसे देश में हम इसका उदाहरण रोज-बरोज देख सकते हैं. इसके प्रयोग हमें गांव या स्कूल के स्तर पर करके देखना चाहिए.

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