
बग़दाद में अमरीकी दूतावास ने कहा है कि मोसुल बांध के ध्वस्त होने का खतरा बढ़ता जा रहा है और इसके चलते लाखों लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
ये बांध 2014 में कुछ समय के लिए तथाकथित इस्मालिक स्टेट के नियंत्रण में था जिसके कारण इसकी मरम्मत के काम में बाधा आई.
दूतावास के मुताबिक, बांध ध्वस्त होने की सूरत में बाढ़ का पानी लगभग उन 15 लाख लोगों की मौत का कारण बन सकता है जो तिगरिस नदी के आसपास रहते हैं.
अधिकारियों का कहना है कि मोसुल और तिकरित में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए छह किलोमीटर दूर जाना होगा.
बांध को लेकर ये अब तक की सबसे गंभीर चेतावनी है.
दूतावास ने कहा, "तत्परता से लोगों को वहां से निकालकर ही लाखों इराक़ी लोगों की जानें बचाई जा सकती हैं."
वहीं अमरीकी दूतावास की चेतावनी के बाद इराक़ी प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने कहा है कि सभी एहतियाती क़दम उठाए जा रहे हैं लेकिन फिलहाल ऐसा कोई ख़तरा नहीं है.

ये इराक़ का सबसे बड़ा बांध है लेकिन 1984 में निर्माण पूरा होने के बाद से ही इसमें कई खामियों की बात कही जाती रही है.
इस बांध पर आईएस का नियंत्रण सिर्फ 11 दिनों तक रहा. इसके बाद सरकार का दोबारा नियंत्रण होने के बाद भी वहां काम कर रहे ज़्यादातर लोग काम पर नहीं लौटे और इसकी नियमित मरम्मत का फिर से शुरू नहीं हो पाया.
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