
मणिपुर की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को सोमवार को न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया.
लेकिन उन्होंने कहा कि वो अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगी. जब वो जेल में थीं तो उन्हें नाक के रास्ते ज़बरदस्ती ख़ाना खिलाया जाता था.
शर्मिला पिछले 15 सालों से मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को हटाने की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर हैं.
इससे पहले भी उन्हें कई बार रिहा करने के बाद आत्महत्या के प्रयास में दोबारा गिरफ़्तार किया गया है.
उन्होंने इस बात पर भी निराशा जताई कि वो जिस मक़सद के लिए लड़ रही हैं उसके लिए लोगों का समर्थन अब कम होता जा रहा है.
हाल ही में उन्होंने एक सार्वजनिक बहस कराने की बात कही थी जिसमें वो लोगों से पूछें कि उन्हें अपनी भूख हड़ताल जारी रखनी चाहिए या नहीं.
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