
ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी के समर्थकों ने संसदीय चुनावों के नतीजे के साथ एक नए दौर की शुरुआत का स्वागत किया है.
आंशिक नतीजे संकेत दे रहे हैं कि कट्टरपंथी रुढ़िवादी संसद में अपना बहुमत खो सकते हैं जबकि सुधारवादियों और नरमपंथियों को तेहरान में सभी सीटों पर जीत मिली है.
ईरान की राजधानी के बाहर नतीजे ज़्यादा मिले-जुले थे हालांकि यह संकेत मिल रहा है कि वोट कट्टरपंथियों के खाते से नरमपंथियों की ओर चले गए.

विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति की स्थिति थोड़ी मज़बूत हुई है ऐसे में सुधारवादी पश्चिमी देशों के साथ गहन वार्ता कर सकते हैं.
संसदीय (मजलिस) चुनावों में ईरान के राष्ट्रपति के सुधारवादियों और समर्थकों का गठबंधन ‘लिस्ट ऑफ़ होप’ तेहरान प्रांत में भारी जीत की ओर बढ़ रहा है.
ये गठबंधन तेहरान से असेंबली ऑफ़ एक्सपर्ट्स में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए बनाया गया है.
कट्टरपंथियों ने यह आरोप लगाया है कि सुधारवादियों ने पश्चिमी देशों के साथ मिली-भगत की है ताकि देश के एसेंबली ऑफ़ एक्सपर्ट्स में कट्टरपंथियों की राह में बाधा पहुंचाई जा सके.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)