
भारत प्रशासित कश्मीर के पंपौर में शनिवार को जिस इमारत में चरमपंथी छिपे हुए थे, वहाँ से सुरक्षित बचाकर निकाले गए लोगों में हिज़बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा भी शामिल है.
पंपौर में सुरक्षा बलों और चरपंथियों के बीच तीन दिन तक चली मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों समेत पाँच सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी और 13 जवान घायल हो गए थे.
मुठभेड़ में तीन चरमपंथियों की भी मौत हो गई थी.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार शनिवार की शाम को चरमपंथियों ने जम्मू से आ रही केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की गाड़ी पर हमला किया था और इसके बाद पास ही की एक सरकारी इमारत आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टिच्यूट में घुस गए थे.
इसी इमारत में सलाहुद्दीन के बेटे सैयद मुईद यूसुफ़ बतौर इंजीनियर तीन साल से काम करते हैं.
सुरक्षाकर्मियों ने इस पाँच मंजिला इमारत से 100 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला था.
मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ़ से हुई भारी गोलीबारी एक कर्मचारी को भी गोली लगी थी, जिसकी बाद में मौत हो गई.

इमारत से सुरक्षित बाहर निकाले गए लोगों में सैयद मुईद यूसुफ़ भी शामिल थे.
इंस्टिच्यूट के निदेशक डॉक्टर मोहम्मद इस्माइल परे ने बीबीसी को बताया, "ये सही है कि उस दिन हिजबुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे मुईद भी दफ़्तर में मौजूद थे."
उन्होंने बताया, "जिस तरह दूसरे लोगों को वहाँ से निकाला गया, वैसे ही मुईद को भी निकाला गया. आईटी में पोस्ट ग्रेजुएट मुईद हमारे यहां बतौर आईटी इंजीनियर कार्यरत हैं."
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