
जेएनयू छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान पटियाला कोर्ट में हुई मारपीट के सुर्ख़ियों में आए वकील विक्रम चौहान का कहना है कि मीडिया में उन्हें ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है.
बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि मीडिया में ‘मुझे गुंडा बनाकर प्रोजेक्ट किया गया लेकिन मैं वकील समुदाय से आता हूं और क़ानून का सम्मान करता हूं.’
उन्होंने कहा, "जिस तरह मीडिया ने तमाम पार्टियों के नेताओं के साथ जोड़कर मेरी तस्वीरें दिखाईं, उसी तरह इन तस्वीरों की भी सच्चाई सामने आ जाएगी."
सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया की पेशी से पहले वकीलों के एक गुट ने छात्रों और मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की थी.
एक वीडियो फ़ुटेज मेें विक्रम चौहान को भी कथित तौर पर मारपीट करते हुए दिखाया गया है.
लेकिन विक्रम का कहना है कि कुछ बाहरी लोगों ने कोर्ट में आकर उनके साथ मारपीट की.
उन्होंने कहा, "हम क़ानून के साथ हैं और इसके रक्षक हैं और हम क़ानून तोड़ने नहीं आए हैं."
वो कहते हैं, "मीडिया ने तस्वीरों को तोड़ मरोड़ कर दिखाया है. इन तस्वीरों में मैं हूं लेकिन जिस ढंग से ये तस्वीरें दिखाई जा रही हैं वो उस ढंग से नहीं हैं."
17 फ़रवरी को जब कन्हैया की दोबारा पेशी हुई उस समय भी कोर्ट के बाहर मारपीट की गई.

इसके बाद उन्हें और अन्य तीन वकीलों को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन गुरुवार को पुलिस के सामने पेश नहीं हुए.
इस पर चौहन ने कहा, "समय आने पर पुलिस के सामने मेरा पक्ष मेरे सीनियर वकील रखेंगे."
(वकील विक्रम चौहन से बीबीसी संवाददाता सुशीला सिंह से बातचीत पर आधारित)
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