सर्दी का मौसम बुजुर्गों के लिए कष्टकारक होता है. लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल, दिल्ली के डॉ एमएस अजमल कहते हैं कि अगर बुजुर्ग विशेष सावधानी बरतें, तो उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार अगर आप 60 की उम्र में व्यायाम करते हैं, तो बुढ़ापे में होनवाली कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. जो बीमार हैं, उनके लिए मेडिसिन का नियमित सेवन जरूरी है.
अस्थमा
वातावरण में मौजूद एलर्जी फैलाने वाले तत्वों के प्रति संवदेनशीलता के कारण सर्दी में बुजुर्गो की श्वास-नलिकायें सिकुड़ जाती हैं. इससे बुजुर्गो को सांस लेने में तकलीफ होती है. सीढ़िया चढ़ने या कोई भारी काम करने में सांस फुलने
लगती है.
बचाव : सर्दी में सुबह के समय कुहासा छाया रहता है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए काफी नुकसानदेह होता है. ऐसे में बुजुर्गो को मॉर्निग वॉक पर जाने के बजाय घर पर ही एक्सरसाइज करने को तरजीह देनी चाहिए. कमरे में ऑक्सीजन की आवक बनी रहे, इसलिए कमरे की सभी खिड़कियां न बंद करें. थोड़ी सी ही सही खिड़की या वेंटिलेटर से शुद्ध हवा आने दें. कमरे में ज्यादा देर तक हीटर या ब्लोअर न चलने दें, इससे कमरे का स्वाभाविक ऑक्सीजन नष्ट हो जाता है. इसके कारण अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है. नेब्यूलाइजर व पफ हमेशा साथ रखें ताकि आकस्मिक स्थिति में उसका इस्तेमाल कर सकें.
हृदय रोग
सर्दी के मौसम में रक्तवाहिका नलिकायें सिकुड़ जाती हैं, जिसके कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा ठंड से बचाव के लिए खान-पान में किये गये बदलाव के कारण हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है.
बचाव: सर्दी के सीजन में 15 दिन ऐसे जरूर होते हैं, जब तापमान बहुत कम होता है. इस दौरान दिल के मरीजों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे तक धूप में जरूर बैठें. धूप से मिलने वाला विटमिन डी शरीर को हार्ट अटैक से बचाता है. यदि आप इससे संबंधित गंभीर बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपके लिए जरूरी है कि आप रेगुलर सादा और संतुलित आहार का सेवन करें. इसके अलावा आपको मानसिक रूप से रिलैक्स रहने की कोशिश करें.