24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अब डॉक्टर कबूतर बताएंगे मर्ज़

कबूतर और चूहे को शायद ही कोई बीमार आदमी की ख़िदमत में लगाना चाहेगा. पर इनके पास इंसान की बीमारी पहचानने और उसके उपचार का हुनर होता है. इसलिए न चाहते हुए भी इंसानों को इसे अहमियत देनी पड़ रही है. कबूतर का दिमाग़ इंसान की तर्जनी से बड़ा नहीं, लेकिन उसकी नज़र और संवेदन […]

Undefined
अब डॉक्टर कबूतर बताएंगे मर्ज़ 5

कबूतर और चूहे को शायद ही कोई बीमार आदमी की ख़िदमत में लगाना चाहेगा. पर इनके पास इंसान की बीमारी पहचानने और उसके उपचार का हुनर होता है.

इसलिए न चाहते हुए भी इंसानों को इसे अहमियत देनी पड़ रही है.

कबूतर का दिमाग़ इंसान की तर्जनी से बड़ा नहीं, लेकिन उसकी नज़र और संवेदन क्षमता काफ़ी प्रभावी होती है.

हाल ही में पता चला है कि प्रशिक्षित कबूतर रेडियोलॉजिस्ट की तरह स्तन कैंसर पहचान सकते हैं. वे स्वस्थ टिश्यू और कैंसर प्रभावित टिश्यू के बीच अंतर कर सकते हैं.

कबूतर की तरह इंसान के तीन और ऐसे ही दोस्त हैं, जिनका इंसान के इलाज पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

Undefined
अब डॉक्टर कबूतर बताएंगे मर्ज़ 6

लंबी पूँछ वाला चूहा उच्च संवेदनशील डिटेक्टर की तरह काम कर सकता है और बीमार की ज़िंदगी बचा सकता है.

चूहे की नाक के अंदर सूंघने के लिए अलग-अलग तरह के क़रीब 1000 रिसेप्टर होते हैं जो तेज़ से तेज़ गंध सूंघ सकते हैं. जबकि इंसान की नाक के अंदर केवल सौ से दो सौ तरह के कमज़ोर रिसेप्टर होते हैं. इस कारण चूहे बेहद भीनी गंध भी सूंघ सकते हैं.

इसीलिए मोज़ांबीक़ में चूहों का इस्तेमाल टीबी (तपेदिक) का पता लगाने के लिए हो रहा है. ये चूहे बिल्ली के बच्चे जितने बड़े होते हैं.

चूहों की इस क्षमता का अध्ययन मापुटो के एड्वार्डो मोंडलेन विश्वविद्यालय में हो रहा है. यहां प्रशिक्षित चूहे इंसानी बलग़म के नूमनों में टीबी के बैक्टीरिया से पैदा होने वाली गंध पहचान सकते हैं.

इसे पहचानने पर ये चूहे रुककर अपने पैर रगड़ने लगते हैं जिससे पता चल जाता है कि बलग़म टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित है.

परंपरागत रूप से लैब तकनीशियन माइक्रोस्कोप के ज़रिए बलग़म के नमूनों की जांच करते हैं. सौ नूमनों की जांच में दो दिन से अधिक लगते हैं, पर चूहे इस काम को केवल 20 मिनट में कर देते हैं.

टीबी का पता लगाने की यह विधि सस्ती तो है ही, इसके लिए किसी ख़ास उपकरण की भी ज़रूरत नहीं. टीबीग्रस्त देशों में ख़ास उपकरणों के अभाव में यह लगभग ठीक-ठीक संक्रमण का पता लगाने वाला तरीका जिंदगियां बचा सकता है.

Undefined
अब डॉक्टर कबूतर बताएंगे मर्ज़ 7

कुत्तों को हमेशा से इंसान का दोस्त माना जाता रहा है. बीते कुछ सालों में इन्होंने साबित कर दिया कि ये कितने हुनरमंद हो सकते हैं.

हाल ही में कुत्तों के मिर्गी के दौरे को भांपने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. इनके पास असाधारण क्षमता है जिससे ये दौरा पड़ने से ठीक पहले स्थिति भांप जाते हैं.

सैली बरटॉन को बचपन से मिर्गी की बीमारी है और इसने उनके युवा जीवन को प्रभावित किया है.

वे कहती हैं, "मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा जाता. इससे मेरी पढ़ाई भी घर पर हुई. मेरे लिए नए दोस्त बनाना और नए लोगों से मिलना मुश्किल था."

अक्सर वे काफ़ी अकेला महसूस करती थीं.

13 साल पहले उन्हें मिर्गी का दौरा आने से पहले ही भांप लेने वाला कुत्ता स्टार मिला. वह कहती हैं कि उसके आने से उनका जीवन जीने लायक बन गया.

सबसे पहला काम उन्होंने अपने लिए कॉफ़ी बनाने का किया जो बीते 30 साल से वो नहीं कर पाई थीं क्योंकि उबलते पानी का मग हाथ में रहते मिर्गी का दौरा पड़ने का ख़तरा रहता था.

वह ज़िंदगी में पहली बार अकेले शहर भी गईं.

अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि कुत्ते किस तरह मिर्गी के दौरे का पता लगाते हैं. माना जाता है कि व्यक्ति की भाव-भंगिमा में बदलाव को समझ जाते हैं. लोगों का मानना है कि गंध से भी कुत्ते इसका पता लगाते हैं.

Undefined
अब डॉक्टर कबूतर बताएंगे मर्ज़ 8

ब्रिटिश चैरिटी कुत्तों को प्रशिक्षित करती हैं. ये कुत्ते अपने मालिक को मिर्गी का दौरा आने से पहले संकेत देते हैं. ये लगातार 15 से 45 मिनट तक किसी के पैर पर ठोकर मारते हैं.

लार, रिसाव या थूक, कुछ भी कहें. थूक को केवल घिनौना ही समझा जाता है. लेकिन कई जानवर अपने घाव चाटते हैं. ये संक्रमण से बचने को ऐसा करते हैं.

जानवरों की लार में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं. गाय की लार भी इसमें शामिल है. शोध से साबित हो चुका है कि गाय की लार और दूध में प्रोटीन होता है, जो जीवाणुओं से लड़ने में कारगर है.

इंसान के थूक में भी सूक्ष्मजीव प्रतिरोधक गुण होता है.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें