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‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पार करायेगी भाजपा की चुनावी वैतरणी!

।। अहमदाबाद से ब्रजेश कुमार सिंह ।। लोहा लेने के साथ ‘सुराज याचिका’ पर गांव वालों से हस्ताक्षर भी करवायेंगे नरेंद्र मोदी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण के तहत देश भर के गांवों में पहुंचने की योजना पर नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में जोर-शोर से काम शुरू हो गया है. राजधानी गांधीनगर के […]

।। अहमदाबाद से ब्रजेश कुमार सिंह ।।

लोहा लेने के साथ ‘सुराज याचिका’ पर गांव वालों से हस्ताक्षर भी करवायेंगे नरेंद्र मोदी

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण के तहत देश भर के गांवों में पहुंचने की योजना पर नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में जोर-शोर से काम शुरू हो गया है. राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर में मंगलवार को राज्य के सभी हिस्सों से करीब दो हजार दो सौ लोग जमा हुए, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा स्वयंसेवी संगठनों के लोग भी थे. मोदी सरकार के कई मंत्री भी इस बैठक में शामिल थे.

बैठक में मौजूद लोगों के बीच एक खास किट का वितरण किया गया. दरअसल इस तरह के किट ही गुजरात सहित देश के सभी साढ़े छह लाख गांवों में पहुंचाये जाने हैं. इस किट में गांव के लोगों के हस्ताक्षर करने के लिए कपड़े का टुकड़ा, गांव की मिट्टी एकत्र करने के लिए छोटी-सी शीशी और लोहा रखने के लिए भी एक खाना है.

दरअसल योजना यह है कि जिस गांव से भी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के लिए लोहा इकट्ठा किया जाये, उस गांव के लोगों के हस्ताक्षर जुटाये जाएं, ताकि वे अपने को इस परियोजना से जुड़ा हुआ महसूस करें.

हस्ताक्षरों वाले इन कपड़े के टुकड़ों को बाद में एक साथ जोड़ दिया जायेगा. अनुमान है कि देश भर से जब ऐसे हस्ताक्षरित कपड़े के टुकड़े इकट्ठा हो जायेंगे, तो उनकी कुल लंबाई दो सौ किलोमीटर जितनी लंबी हो जायेगी. इनकी प्रदर्शनी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास ही लगा दी जायेगी. कपड़े के इन टुकड़ों को ‘सुराज याचिका’ का नाम दिया गया है.

देश की हर बड़ी भाषा के हिसाब से अलग-अलग किट तैयार किये गये हैं.

मसलन उत्तर प्रदेश, बिहार या झारखंड में किट भेजी जायेगी, तो वो हिंदी में होगी. तमिलनाडु में ये तमिल भाषा में, तो केरल की किट मलयालम में छपी होगी. किट में शीशी और सुराज याचिका के अलावा एक सीडी भी होगी, जिसमें सरदार पटेल की वीडियो फिल्म और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना के बारे में जानकारी होगी. यही नहीं, गांव के सरपंच के नाम से निमंत्रण पत्र भी किट के अंदर होगा.

कपड़े की बनी सुराज याचिका पर हस्ताक्षर करने के लिए दो विशेष कलमें भी इसके अंदर रखी होंगी. योजना से जुड़े पोस्टर भी इसके अंदर होंगे और पूरी प्रक्रिया में कहीं कोई कमी न रह जाये या फिर कुछ छूट न जाये, ये सुनिश्चित करने के लिए होगी चेकलिस्ट भी.

नरेंद्र मोदी की योजना के मुताबिक, गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में सरदार पटेल की विशालकाय प्रतिमा बननी है. केवड़िया में ही सरदार सरोवर बांध भी है. योजना के मुताबिक, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण हो जाने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. इसकी कुल लंबाई 182 मीटर होगी, जो अमेरिका के ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुनी है.

लोहा के साथ-साथ मिट्टी और हस्ताक्षर संग्रह के लिए गांव स्तर पर अभियान चलाया जायेगा, जिसका तालुका स्तर से समन्वय होगा. फिर ये जिला स्तर पर संग्रहीत होगा और उसके बाद उसे संबंधित राज्य के मुख्यालय से होते हुए परियोजना स्थल तक लाया जायेगा. मोदी की इस योजना को 2014 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर व्यापक जनसंपर्कअभियान के तौर पर देखा जा रहा है, खास तौर पर ग्रामीण भारत में.

हाल ही में मोदी की पहल पर देश भर में ‘रन फॉर यूनिटी’ दौड़ का आयोजन किया गया था, जिसमें कुल मिला कर करीब 45 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. खुद मोदी इस दौड़ को शुरू कराने के लिए रविवार को वड़ोदरा में मौजूद थे.

वहां उन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ परियोजना को भारत की साझा ताकत के प्रतीक के तौर पर पेश करने की कोशिश की. सवाल उठता है कि क्या ये साझी ताकत मोदी के लिए 2014 लोकसभा चुनावों में वोट जुटाने में मददगार होगी. कम से कम मोदी और भाजपा की कोशिश तो यही है.

लेखक एबीपी न्यूज गुजरात के संपादक हैं

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