
उत्तर कोरिया ने 7 फ़रवरी को मिसाइल परीक्षण किया था.
चीन ने कहा है कि उत्तर कोरिया से सुरक्षा के लिए दक्षिण कोरिया में तैनात किए जाने वाली अमरीकी मिसाइल सिस्टम से उसे ख़तरा हो सकता है.
विदेश मंत्री वांग यी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि "प्रस्तावित मिसाइल सिस्टम कोरियाई प्रायद्वीप की सुरक्षा ज़रूरतों से काफ़ी आगे" है.
उत्तर कोरिया ने इस महीने के शुरू में लंबी दूरी के रॉकेट का परीक्षण किया था. इसके बाद अमरीका और दक्षिण कोरिया ने मिसाइल सिस्टम तैनात करने का ऐलान किया.
चीन और रूस पहले ही कह चुके हैं कि उनके देश के दूर दराज के इलाक़े भी प्रस्तावित मिसाइल सिस्टम के रडार की जद में आ जाएंगे.

उत्तर कोरिया में हाल ही में हुए परमाणु और रॉकेट परीक्षणों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. इसके मद्देनज़र दक्षिण कोरिया में हाई एल्टीच्यूड एरिया डीफ़ेंस सिस्टम (टीएचएएडी) तैनान किए जाने की बात उठी.
उत्तर करिया के काएसंग स्थित साझा औद्योगिक परिसर में दक्षिण कोरिया के कमकाज रोक देने के बाद उत्तर कोरिया ने गुरुवार को दो द्वपक्षीय हॉटलाइन काट देने की चेतावनी दी.
अमरीका और दक्षिण कोरिया का कहना है कि टीएचएएडी उत्तर कोरिया से दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए है और इसके निशाने पर चीन या कोई दूसरा देश नहीं है.
चीन के विदेश मंत्री ने अमरीका से इस पर दोबारा ग़ौर करने को कहा है.

उन्होंने कहा, "सच्चाई सबके सामने है. टीएचएएडी सिस्टम की तैनाती कोरियाई प्रायद्वीप की सुरक्षा ज़रूरतों से बहुत आगे है. एशिया महाद्वीप के दूर दराज़ तक के इलाक़े इसी जद में आ जाएंगे."
उन्होंने आगे कहा, "यह चीन और दूसरे एशियाई देशों के सुरक्षा हितों को सीधे प्रभावित करेगा."
वांग यी ने कहा, "हर कोई जानता है कि मिसाइल सिस्टम की तैनाती सिर्फ़ दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए नहीं है. इसका एजेंडा बड़ा है. इससे चीन को भी निशाना बनाया जा सकता है."

उन्होंने यह भी कहा कि हालिया रॉकेट परीक्षण के लिए उत्तर कोरिया को "उचित क़ीमत चुकाने के लिए" मजबूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का चीन समर्थन करेगा.
दूसरी ओर, उत्तर कोरिया का कहना है कि रॉकेट परीक्षण उसके शांतिपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा था.
लेकिन अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि इसकी आड़ में अमरीका तक मार करने में सक्षम इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल बनाने का कार्यक्रम था.
इसके कई हफ़्ते पहले उत्तर कोरिया ने अपना चौथा परमाणु परीक्षण किया था.
ये दोनों ही क़दम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के ख़िलाफ़ हैं.
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