
प्राईवेसी पॉलिसी को लेकर फ्रांस ने फ़ेसबुक को कड़ा संदेश दिया है. कंपनी को कहा गया है कि वो अपने सोशल नेटवर्क पर आने वाले गैर सदस्यों की सूचनाएं बिना इजाज़त इकट्ठी न करे.
फ्रेंच डेटा प्रोटेक्शन बॉडी ने इसके लिए फ़ेसबुक को तीन महीने की मोहलत दी है.
पिछले साल बेल्जियम के प्राईवेसी कमिश्नर ने भी ऐसे ही आदेश दिए थे, जिसके बाद फ़ेसबुक ने अपने प्रारूप में कुछ बदलाव किए थे.
फ्रेंच डेटा प्रोटेक्शन बॉडी ने और जटिल पासवर्ड बनाए जाने की भी मांग की और इसे छह के बजाय आठ अक्षरों वाला बनाने को कहा.

इस बीच फ़ेसबुक ने कहा है कि प्राईवेसी उसकी प्राथमिकता है.
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "जो लोग फ़ेसबुक इस्तेमाल करते हैं, उनकी निजता की सुरक्षा हमारा मूल उद्देश्य है. हम फ्रेंच डेटा प्रोटेक्शन बॉडी की चिंताओं का मिलकर समाधान निकालने को इच्छुक हैं."
कंपनी की वेबसाइट हर उस यूज़र की सूचनाएं इकट्ठा करती है, जो इस सोशल नेटवर्क पर आता है, चाहे वह सदस्य हो या नहीं. इसके लिए वेबसाइट अपने कुकीज़ और अन्य टेक्स्ट फ़ाइल इंस्टाल कर देती है.
फ़ेसबुक डीएटीआर के नाम से जो सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल करता है, वह दो साल तक चल सकता है.

बेल्जियम में फ़ेसबुक का कोई पेज देखने के लिए सबसे पहले यूज़र्स को लॉग इन करना ज़रूरी है.
फ़्रेंच डेटा प्राईवेसी बॉडी ने फ़ेसबुक से निजी डेटा को अमरीका भेजने पर भी रोक लगाने को कहा, क्योंकि सेफ़ हार्बर समझौते की मियाद ख़त्म हो चुकी है.
हालांकि फ़ेसबुक लगातार कहता रहा है कि डेटा को अमरीका ट्रांसफ़र करने के लिए वह अन्य क़ानूनी रास्तों का इस्तेमाल करता है.
यह समझौता डेटा को यूरोपीय संघ से अमरीका भेजने की इजाज़त तो देता है, पर इसकी समय सीमा पिछले साल अक्टूबर में ख़त्म हो चुकी है और नया समझौता अभी तैयार हो रहा है, तब तक यह लागू नहीं होगा.
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक़ अगर तीन महीने में फ़ेसबुक, फ्रेंच प्राईवेसी बॉडी के आदेश लागू करने में नाकाम रहा तो उसे जुर्माना झेलना पड़ सकता है.
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