
सरकारी बैंकों के ख़राब लोन के आंकड़ों से वित्तीय तंत्र को लगी चोट पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मरहम लगाने की कोशिश की.
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को भरोसा दिलाया कि बैंकों की बैलेंस शीट ठीक करने की आरबीआई और सरकार की कोशिश सफल होगी.
उन्होंने विश्लेषकों को भी बैंकों के नॉन पर्फ़ॉर्मिग एसेट को लेकर डर फैलाने से चेताया है.
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक़ मुंबई में बैंक अधिकारियों, कंपनी के कार्यकारी अधिकारियों के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "शेयरों में मचा कोहराम गुज़र जाएगा. स्थिति ठीक हो जाएगी और भारत के बैंकों की तबियत भी सुधर जाएगी."
पिछले दिनों भारतीय बैंकों के ख़राब लोन की रक़म क़रीब सौ अरब डॉलर तक पहुंचने की ख़बर से निवेशकों में चिंता है.
रघुराम राजन ने कहा कि आरबीआई पूंजी उपलब्ध कराकर मार्च 2017 तक बैंकों की सेहत दुरुस्त करने की कोशिश करेगी.

उन्होंने भरोसा जताया कि सरकारी बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराना काफ़ी होगा.
आरबीआई के अनुमान के मुताबिक़ कुछ ही सरकारी बैंक सरकारी मदद के बगैर पूंजी की मूल ज़रूरत पूरी करने में नाकाम रहेंगे.
ख़राब लोन के आसमान छूते आंकड़ों ने बैंकों के शेयर भी गिराए हैं.
कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि हो सकता है कि कुछ बैंकों ने डूबे हुए ऋण की रक़म को कम दिखाया हो. ऐसे में वित्तीय समस्या और गहरी हो सकती है.
रघुराम राजन ने यह भरोसा भी जताया कि बैंक अब सोच-समझकर ऋण देंगे.
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