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कर्मचारियों से संवाद जरूर बना कर रखें

दक्षा वैदकर अपने कर्मचारियों को उनकी गलतियां बताना, उन्हें डांटना, लिखित में गलती का जवाब मांगना अच्छी बात है, इससे डिसीप्लीन बना रहता है और सामनेवाला गलती के प्रति काफी सतर्क भी रहता है. लेकिन इन सब के साथ ही कर्मचारियों का मोटिवेश्न लेवल बढ़ाने के लिए आपको तरह-तरह के उपाय करते रहने चाहिए. इनमें […]

दक्षा वैदकर

अपने कर्मचारियों को उनकी गलतियां बताना, उन्हें डांटना, लिखित में गलती का जवाब मांगना अच्छी बात है, इससे डिसीप्लीन बना रहता है और सामनेवाला गलती के प्रति काफी सतर्क भी रहता है. लेकिन इन सब के साथ ही कर्मचारियों का मोटिवेश्न लेवल बढ़ाने के लिए आपको तरह-तरह के उपाय करते रहने चाहिए. इनमें सबसे ज्यादा जरूरी है संवाद. यदि आप कर्मचारियों के साथ सीधा संवाद ही कायम नहीं कर पाते, तो आप प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के कई बड़े अवसर गंवा देते हैं. संवाद बढ़ा कर आप अपने कर्मचारियों का कॉन्फिडेंस बढ़ा सकते हैं. उन्हें प्रेरित कर सकते हैं.

1) सुनें शिकायतें : आपके ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों की कुछ न कुछ समस्याएं और शिकायतें भी होंगी ही. अगर आप उनकी सुनवायी नहीं करेंगे, तो उनके मन में किसी भी छोटी-सी बात को लेकर बड़ी निराशा घर कर सकती है. इसलिए समय-समय पर उनकी समस्याओं और शिकायतों की जानकारी लेते रहें. ये शिकायतें कई बार व्यवस्था में इतना सुधार कर जाती हैं कि उससे अंतत: प्रोडक्टिविटी भी बढ़ जाती है. 2) जब हो कोई बदलाव : कंपनी में शीर्ष स्तर पर बदलाव अक्सर बोर्ड मीटिंग्स में कर लिये जाते हैं, जिसकी पूरी और सटीक जानकारी कर्मचारियों को ही हो नहीं पाती. इससे अनिश्चितता का माहौल बनता है, जो कि सही नहीं है. शीर्ष स्तर पर या प्रशासनिक स्तर पर यदि कोई ऐसा बदलाव होता है, जिसका कंपनी के नेतृत्व या कर्मचारियों के कामकाज पर कुछ भी फर्क पड़ता है, तो उसके बारे में उन्हें जानकारी जरूर दें. 3) आइडिया बैंक : कंपनी में कर्मचारियों से संवाद करने का अर्थ सिर्फ उन्हें बदलावों की जानकारी देना या उनकी शिकायतें सुनना नहीं है. यह संवाद आपको आपके सैकड़ों कर्मचारियों के असंख्य आइडियाज भी दिलवाता है. जब-जब आप कर्मचारियों के साथ ओपन डिस्कशन करते हैं, तब-तब आप कंपनी के लिए हजारों आइडियाज के एक बैंक के पास पहुंच जाते हैं, इसलिए इस सेशन में ब्रेन स्टॉर्मिंग करना न भूलें.

daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in

बात पते की..

कंपनी में जब शीर्ष स्तर पर कुछ बदलाव होते हैं और उन्हें कर्मचारियों पर जबरन थोप दिया जाता है, तो वे इसे स्वस्थ ढंग से नहीं लेते.

कंपनी के कामकाज, प्रोडक्ट्स और कर्मचारियों के बर्ताव के बारे में आपके पास फीडबैक आते ही होंगे. इसके बारे में उनसे खुल कर बात करें.

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