डॉक्टरों और निजी अस्पतालों को लेकर आम धारणा यह है कि उन्हें केवल पैसे बनाना आता है. मरीजों की भावना से उनका कोई सरोकार नहीं होता़, लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं मेरठ के एक ऐसे अस्पताल के बारे में, जिसे जान कर निजी अस्पतालों के बारे में आपकी धारणा, थोड़ी-सी ही सही, पर बदलेगी जरूर.
सेंट्रल डेस्क
दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर, उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर स्थित 45 शय्यावाले दयावती अस्पताल में शुक्रवार को बच्चियों के जन्म लेने पर उन्हें सारी सुविधाएं मुफ्त दी जाती हैं. ऐसे में बेटी का पैदा होना उनके मां-बाप के लिए राहत की खबर लेकर आता है. जन्म लेनेवाली बच्चियों के मां-बाप के लिए यह शुक्रवार किसी जश्न से कम नहीं होता, क्योंकि उन्हें इस दिन अस्पताल के बिल की चिंता नहीं करनी पड़ती. इस दिन अस्पताल में जन्म लेनेवाली बच्चियों के मां-बाप को सिर्फ दवाई का ही खर्च देना होता है. इसके अलावा ऑपरेशन थियटर से लेकर डॉक्टर तक की सभी सुविधाएं अस्पताल की तरफ से मुफ्त दी जाती हैं. इस छोटे से अस्पताल ने अपने इस कदम से बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. दयावती अस्पताल ने इस सुविधा की शुरुआत पिछले साल नवंबर में की और इसका बेहद सकारात्मक संदेश लोगों के बीच जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में जनगणना में जिस तरह से लड़कियों का अनुपात कम होता दिख रहा है, उससे जाहिर है कि समाज की सोच क्या है.
ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से बेटियों के लिए चलायी जा रही योजनाओं ने जागरूक करने में अहम भूमिका निभायी है. इस जागरूरता का असर न सिर्फ समाज पर, बल्कि अस्पतालों और डॉक्टरों पर भी पड़ा है. इस बारे में अस्पताल के संस्थापक 42 वर्षीय प्रमोद बालियान कहते हैं : जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरुआत की, तबसे ही हमारे में दिमाग में कुछ अलग करने की बात चल रही थी. ऐसे में हमने जब अपने अस्पताल के लिए इस योजना पर विचार के लिए अपनी टीम से बात की, तो हमारे डॉक्टर्स और नर्स इसके लिए शुरुआत में तैयार नहीं थे़ लेकिन जब मैंने उनसे अस्पताल के इस कदम से समाज में जानेवाले संदेश के बारे में बात की, तो वो लोग खुशी-खुशी तैयार हो गये.
बालियान बताते हैं कि उनके यहां नॉर्मल और सिजेरियन, दोनों ही डिलीवरी की सुविधा है और इस पर आनेवाला खर्च आठ से 12 हजार का होता है. लेकिन शुक्रवार को बच्चियों के जन्म पर वो यह सुविधा मुफ्त में मुहैया कराते हैं. बालियान कहते हैं कि बच्चियों के मां-बाप के लिए यह काफी राहत भरी खबर होती है. यही नहीं, मेरठ और आसपास के इलाके में अस्पताल द्वारा उठाये गये इस कदम की काफी सराहना हो रही है़ शुक्रवार को जन्म लेनेवाली एक बच्ची के मां-बाप ने खुद को भाग्यशाली मानते हुए कहा कि ये उनके लिए काफी राहत भरा है़ .उन्होंने कहा कि अगर यह सुविधा नहीं होती, तो वह आज अस्पताल के बिल के लिए पैसे जुगाड़ रहे होते, लेकिन बिटिया के जन्म लेने की वजह से उन्हें सभी सुविधाएं मुफ्त में मिल रही हैं.
अस्पताल के संस्थापक बालियान के मुताबिक, शुक्रवार का दिन ना सिर्फ हिंदुओं के लिए बल्कि इसलाम धर्मावलंबियों के लिए भी काफी महत्व का होता है़ ऐसे में इस दिन जन्म लेनेवाली सभी बच्चियों के लिए अस्पताल का बिल माफ होना उनकी तरफ से मां-बाप के लिए एक छोटी-सी सौगात है. बालियान का मानना है कि जब सरकार लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए इतना कुछ कर रही है, तो हमें भी अपने समाज के लिए कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए, जो आगे चल कर लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डाले.