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ज्योतिषविद अभिषेक की भविष्यवाणी सच निकली

रांची/हजारीबाग. हजारीबाग के जानेमाने ज्योतिषविद अमरेंद्र मिश्र के आत्मज अभिषेक मिश्र ने विश्व की प्राकृतिक घटनाओं को लेकर भविष्यवाणी की थी, जो सच साबित हुईं हैं. अभिषेक मिश्र अध्ययनशील व्यक्ति हैं. कम उम्र से ही उनकी फलित ज्योतिष में रुचि रही है. तीन वर्षों तक शोध के बाद उन्हें प्राकृतिक आपदा के बारे में आकलन […]

रांची/हजारीबाग. हजारीबाग के जानेमाने ज्योतिषविद अमरेंद्र मिश्र के आत्मज अभिषेक मिश्र ने विश्व की प्राकृतिक घटनाओं को लेकर भविष्यवाणी की थी, जो सच साबित हुईं हैं. अभिषेक मिश्र अध्ययनशील व्यक्ति हैं. कम उम्र से ही उनकी फलित ज्योतिष में रुचि रही है. तीन वर्षों तक शोध के बाद उन्हें प्राकृतिक आपदा के बारे में आकलन करने का विशेष ज्योतिष सूत्र प्राप्त हुआ. अभिषेक मिश्र ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के बारे में मौसम विभाग भी सही आकलन करता है. उन्होंने जो भविष्यवाणियां की है वह सही साबित हुईं हैं.

अभिषेक मिश्र की भविष्यवाणियों का सत्य

अभिषेक मिश्र ने सर्वप्रथम 24 अक्तूबर 2015 को अफगानिस्तान में भूकंप आने की भविष्यवाणी अपने ब्लॉग पर की थी. 26 अक्तूबर 2015 को अफगानिस्तान में भूकंप आया. 26 अक्तूबर 2015 को चीन में भूकंप की भविष्यवाणी की. 30 अक्तूबर 2015 को चीन में भूकंप आया. तीन दिसंबर 2015 को भारत में भूकंप के बारे में भविष्यवाणी की. सात दिसंबर 2015 को भारत और तजाकिस्तान में भूकंप आया. सात दिसंबर 2015 को भारत क्षेत्र में भूकंप आने की भविष्यवाणी की.15 दिसंबर 2015 को भारत तथा अफगानिस्तान में भूकंप आया. 26 दिसंबर 2015 को हिमालय जोन में भूकंप आने की भविष्यवाणी की जो दो जनवरी 2016 को सत्य साबित हुई. 26 दिसंबर 2015 को यूएसए में भूकंप के बारे में भविष्यवाणी की. तीन जनवरी 2016 को यूएसए में भूकंप आया़ दो जनवरी 2016 को भारत के बारे में भविष्यवाणी की. चार जनवरी 2016 को भारत में भूकंप आया.

पाकिस्तानी डिफेंस साइड में भी अफगानिस्तान में आये भूकंप को लेकर अभिषेक मिश्र की भविष्यवाणी की चर्चा की गयी है. फेसबुक पर कालसूत्राभिषेकम के पेज को 43000 लोगों ने लाइक किया है. यह पूरी भविष्यवाणी इस पेज पर देखी जा सकती है.

काल सूत्राभिषेकम: गागर में सागर भरने का प्रयास

अभिषेक मिश्र की ज्योतिष पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तक काल सूत्राभिषेकम है. इन्होंने इस पुस्तक में भविष्यवाणियों के अलावा महाभारत युद्ध एवं कलिकाल की जानकारी दी है. श्री मिश्र ने चार युगों के संदर्भ में शोध के आधार पर नवीन सूत्र दिया है. ये सूत्र अब तक के गणित से भिन्न हैं. उन्होंने आर्यभट्ट के गणित को भी अपनी ज्योतिष गणना के आधार पर भिन्न बताया है, लेकिन महान आर्यभट्ट,वराह मिहिर सहित भारतीय वेद, पुराण को दैविक तथा सर्वाधिक नमन योग्य कहा है. काल सूत्रभिषेकम में श्रीराम,श्रीकृष्ण,जन्म समय एवं उसके अनुसार जन्म कुंडली भी दी गयी है. पाठकों के लिए यह एक दुर्लभ पुस्तक है. यह पुस्तक नहीं बल्कि गागर में सागर भरने की उक्ति को चरितार्थ करती है. इस पुस्तक के संदर्भ में ज्योतिषाचार्य पंडित अमरेंद्र मिश्र ने लिखा है कि शोध निबंध की सर्वव्यापी स्वीकृति एवं लेखक की शुभचेष्ठा की संपूर्ण सफलता का आकांक्षी हूं.

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