
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय पर हुई सीबीआई की छापेमारी के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है और कहा है कि सीबीआई प्रधानमंत्री को ही रिपोर्ट करती है.
बुधवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वो छापेमारी के दौरान ज़ब्त किए गए दस्तावेज़ दिल्ली सरकार को वापस लौटाए.
केजरीवाल के साथ-साथ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सीबीआई की कड़ी आलोचना की है और मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर माफ़ी मांगें. उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित थी और ऐसा मुख्यमंत्री कार्यालय को बदनाम करने के लिए किया गया है.
पटियाला हाउस कोर्ट के निर्देश के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, "सीबीआई कोर्ट के आदेश के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय को देश के सामने स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि सीबीआई प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है."

दूसरी ओर मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोर्ट का आदेश ये साबित करता है कि सीबीआई के छापे को लेकर दिल्ली सरकार ने जो रुख़ अपनाया था, वो सही था. उन्होंने मांग की कि छापे में शामिल सीबीआई अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजनीति से प्रेरित छापेमारी के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. उन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने पीएम को बरगलाया और केजरीवाल के कार्यालय पर छापा मारा. साथ ही ग़लत फ़ाइलें अपने साथ ले गए. छापेमारी मुख्यमंत्री के कार्यालय को बदनाम करने के लिए था."
इससे पहले अदालत ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई और उन दस्तावेज़ों को वापस करने का निर्देश दिया, जो दिल्ली सरकार ने उनसे मांगा है. अदालत ने कहा कि सीबीआई को अपने ही क़ायदे क़ानून का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता.

15 दिसंबर को सीबीआई ने केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ़्तर पर छापा मारा था. केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि ये छापा उनके दफ़्तर पर है, लेकिन सीबीआई का कहना था कि छापा राजेंद्र कुमार के दफ़्तर पर मारा गया था.
सीबीआई ने अदालत को ये भी बताया कि छापेमारी दिल्ली सरकार पर नहीं थी, बल्कि एक अधिकारी पर थी, जिन पर अपने अधिकार का ग़लत इस्तेमाल का आरोप है. सीबीआई ने राजेंद्र कुमार के ख़िलाफ़ कई धाराओं में मामला भी दर्ज किया है.
केजरीवाल ने सीबीआई छापे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार ठहराया था और उन्हें कायर और मनोरोगी तक कह डाला था. केजरीवाल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी गंभीर आरोप लगाए थे. बाद में जेटली ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दर्ज किया, जिसकी सुनवाई चल रही है.
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