
यूरोप में नफ़रत फैलाने की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए फ़ेसबुक ने ऑनलाइन पहल शुरू की है.
फ़ेसबुक की मुख्य ऑपरेटिंग अफ़सर शेरिल शैंडबर्ग ने अपने फ़ेसबुक पेज पर इसका ऐलान करते हुए लिखा, "नफ़रत फैलाने वाले बयानों के लिए हमारे समाज में कोई जगह नहीं है, इंटरनेट पर भी नहीं. फ़ेसबुक घृणा फैलाने वाले भाषणों के लिए नहीं है, न ही यह हिंसा भड़काने वालों के लिए है."
शैंडबर्ग ने आगे लिखा, "हमने देखा है कि बीते दिनों लाखों लोगों ने फ़ेसबुक पर आकर चरमपंथी हमलों के ख़िलाफ़ और शरणार्थियों के समर्थन में पोस्ट लिखे. हमने इसके साथ ही नफ़रत के सुरों को भी तेज़ होता पाया है. चरमपंथी पूरी दुनिया में लोगों की ज़िंदगी और समाज को नुक़सान पंहुचा रहे हैं. ऐसे में इन आवाज़ों का विरोध करना पहले से ज़्यादा महत्वपूर्ण है."

बर्लिन में हुए कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नफ़रत से जुड़े पोस्ट को हटा देना समस्या का असल समाधान नहीं है, हमें इसकी वजहों को तलाशन होगा.
उन्होंने अपने पेज पर लिखा, "ज़रूरत इसकी है कि हम सहिष्णुता और प्रेम की आवाज़ पूरी दुनिया में फैलाएं. बुरे बयानों का सबसे अच्छा जवाब अच्छा बयान ही हो सकता है."
जर्मनी की सरकार के साथ शुरू की गई ‘ऑनलाइन सिविल करेज इनीशिएटिव’ का मक़सद ऐेसे लोगों को उत्साहित करना है जो नफ़रत फैलाने की कोशिशों के ख़िलाफ़ मुखर हैं.
शैंडबर्ग ने लिखा है, "नफ़रत के लिए कोई जगह नहीं है, न ऑनलाइन और न ही समाज में. आज हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि शांत, सच्चाई और सहिष्णुता की आवाज़ उठाई जाए. घृणा से ज़्यादा ऊंची प्रेम की आवाज़ होती है."
उन्होंने बताया कि द इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्ट्रैटेजिक डायलॉग एंड द अमेड्यू एंटोनियो स्टिफ्टग्टू के साथ मिल कर यह पहल की गई है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)