
बीबीसी ने उन ख़ुफ़िया फ़ाइलों को देखा है जिनमें विश्व टेनिस के शीर्ष मुक़ाबलों में मैच फ़िक्सिंग के सबूत मौजूद हैं.
बज़फ़ीड के साथ की गई जांच में ये पता चला है कि पिछले 10 सालों में कम से कम 16 शीर्ष खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ ये शिकायत दर्ज की गई है कि उनपर शक है कि वो जानबूझकर मैच हार रहे हैं.
इस तरह की शिकायत विंबलडन के कुछ मैचों से भी संबंधित हैं.
लेकिन शिकायत के बावजूद इन सभी खिलाड़ियों पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई.
इनमें से कुछ खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम टाइटिल विजेता रहे हैं.
बीबीसी और बज़फ़ीड न्यूज़ को जो दस्तावेज़ मुहैया करवाये गए हैं उनमें 2007 की एक जांच रिपोर्ट भी शामिल है. ये जांच एसोशिएशन ऑफ़ टेनिस प्रोफ़ेशनल (एटीपी) ने शुरू करवाई थी.

विंबल्डन के मैच भी शक के दायरे में रहे हैं.
इस जांच समिति का काम था कि वो निकालाई देविदेको और मार्टिन वास्लयो आर्गुल्यो के बीच हुए खेल में कथित सट्टेबाज़ी के मामले की जांच करे.
इन दोनों खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ किसी तरह का सबूत नहीं हासिल हुआ लेकिन जांच का दायरा बड़ा कर दिया गया जिसमें कई बड़े खिलाड़ी और सट्टेबाज़ों के नाम थे.
दस्तावेज़ों की जांच में रूस, उत्तरी इटली और सिसली में सट्टेबाज़ गिरोह की मौजूदगी सामने आई और ऐसे मैचों की भी बात सामने आई जो फ़िक्स किए गए थे.
इनमें से तीन ऐसे मुक़ाबले विंबलडन से संबंधित थे.
2008 में दिए गए एक रिपोर्ट में जांच दल ने कहा था कि इन खेलों में शामिल 28 खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ जांच होनी चाहिए. लेकिन वो मामला आगे नहीं बढ़ पाया.
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