Advertisement
#Twitter10k : कहीं मंद न पड़ जाये ट्वीट की धार
पूरी दुनिया में लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट ‘ट्विटर’ पर एक बार में आपको अपने विचार महज 140 अक्षरों में ही समेटते हुए लिखना होता है. लेकिन, हाल में इस सीमा को व्यापक विस्तार देते हुए इसे 10,000 अक्षरों तक ले जाने की बात कही गयी है, जिसके बाद से इसकी जरूरत व उपयोगिता के साथ-साथ […]
पूरी दुनिया में लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट ‘ट्विटर’ पर एक बार में आपको अपने विचार महज 140 अक्षरों में ही समेटते हुए लिखना होता है. लेकिन, हाल में इस सीमा को व्यापक विस्तार देते हुए इसे 10,000 अक्षरों तक ले जाने की बात कही गयी है, जिसके बाद से इसकी जरूरत व उपयोगिता के साथ-साथ इसके असर पर बहस छिड़ गयी है.
ट्विटर के कुछ उपयोगकर्ता जहां इसे एक अच्छा फैसला बता रहे हैं, वहीं ज्यादातर लोगों को लगता है कि इससे ट्विटर की धार और महत्ता कम हो जायेगी़ ‘#ट्विटर 10के’ के तहत व्यक्त किये जा रहे विचारों के साथ-साथ ट्विटर से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर नजर डाल रहा है नॉलेज.
– शंभु सुमन
मा इक्रोब्लाेगिंग साइट ‘ट्विटर’ इससे जुड़ी लोकप्रिय हस्तियों और उनके फॉलोअर्स की बड़ी संख्या के कारण हमेशा खबरों में बना रहता है. इसके जरिये खबरों और विचारों को वायरल होने में ज्यादा देर नहीं लगती. इसकी मुख्य वजह है सूचना या संदेश का अत्यंत कम अक्षरों में चुभनेवाले तीखे शब्दबाण की तरह होना, जो पलक झपकते ही पढ़ लिये जाते हैं.
कम एवं सटीक शब्दों के एक वार (ट्वीट) से ही अकसर बहुतों के दिल और दिमाग प्रभावित हो जाते हैं. फिर इस पर की जानेवाली टिप्पणियों से तो कई बार लड़ाई के मैदान जैसी स्थिति बन जाती है. इन दिनों ठीक ऐसी ही स्थिति इस पर लिखे जानेवाले अक्षरों की संख्या 10,000 करने की घोषणा को लेकर वैश्विक स्तर पर जोर-शोर से की जा रही टिप्पणियों को लेकर बन गयी है.
इसके कुछ समर्थक हैं, तो अधिकतर नियमित ट्वीट करनेवालों को बदलाव की यह योजना पसंद नहीं है. कुछ ने मजाकिया लहजे में इसकी धज्जियां उड़ायी हैं, तो कुछ ने आशंका जतायी है कि ज्यादा शब्दों के कारण संदेश या टिप्पणियां कहीं बेअसर न हो जायें. कुछ नियमित ट्वीट करनेवालों ने शब्द-सीमा बढ़ाये जाने के फैसले की निंदा करने से लेकर ट्विटर को बचाने के लिए अभियान भी छेड़ दिया है. तकनीक की भाषा में एक हजार को अंगरेजी के अक्षर ‘के’ से दर्शाया जाता है, सो ‘#ट्विटर10’ हैसटैग के तहत सोशल नेटवर्किंग साइटों पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं हो रही हैं.
वैसे लंबे ट्वीट की चाहत रखनेवालों को यह यह पसंद आ सकती है. इस सुविधा के बाद ट्विटर इस्तेमालकर्ता 140 से अधिक अक्षरों वाली पोस्ट लिखने के बाद एक बटन क्लिक कर अपने ट्वीट को देख सकेंगे.
ट्विटर से जुड़े लोगों के टाइमलाइन पर पहले उनके 140 अक्षरों के बने शब्दों के संदेश ही दिखेंगे, बाद में डिटेल पर क्लिक करने पर बाकी का हिस्सा दिख पायेगा. अभी तक इस्तेमालकर्ता को व्यक्तिगत पोस्ट में ही यह सुविधा मिलती रही है. इस बदलाव का कारण स्मार्टफोन के लोकप्रिय होने के साथ-साथ उसके जरिये मिली ज्यादा टाइप करने की बढ़ी क्षमता का होना बताया गया है. इस तरह के मोबाइल के मैसेज बॉक्स में संदेश लिखने की कोई बंदिश नहीं है.
एसएमएस बना आधार
ट्विटर के अक्षरों के निर्धारण का आधार कभी मोबाइल के एसएमएस पर निर्भर रहा है. शुरू में मोबाइल में संदेश लिखने की क्षमता 160 अक्षर होने के कारण इसके लिए 140 अक्षर निर्धारित किये गये, जबकि बाकी के 20 अक्षरों को लिंक या ट्विटर संचालन संबंधी हैशटैग के लिए रखे गये. एसएमएस के लिए 160 अक्षरों की सीमा का निर्धारण एक जर्मन इंजीनियर फ्रीदेल्हम हिलेब्रैंद ने 1985 में किया था. तब उनका मानना था कि किसी भी छोटे संदेश के लिए 160 अक्षर पर्याप्त होते हैं.
छोटे संदेश है ट्विटर की पहचान
हिंदी में एक कहावत है- देखन में छोटन लगे, घाव करे गंभीर. कुछ ऐसी ही पहचान रही है ट्विटर की, जिस पर कम अक्षरों में कही गयी बातें लोगों को चुभती हैं और देखते ही देखते यह किसी सेलिब्रेटी की लोकप्रियता का पैमाना बन जाती है, तो कभी महत्वपूर्ण जानकारी के रूप में किसी को संकट से उबारने के काम आती है. इसके आये दिन ढेरों उदाहरण मिलते रहे हैं.
अब नयी घोषणा के अनुसार, ट्विटर पर लिखे जानेवाले अक्षरों की संख्या बढ़ा कर 10,000 करने से हिंदी या अंगरेजी के करीब 2,000 शब्द लिखे जा सकते हैं. आनेवाले दिनों में लोगों को यह कितना लुभायेगी और कितना उबारेगी यह तो वक्त ही बतायेगा, लेकिन फिलहाल इस फैसले को लेकर पूरी दुनिया मे ट्विटर के चहेतों और दूसरी मीडिया के लोगों के बीच बहस एक जंग का रूप ले चुकी है.
ट्विटर इंक को लेकर 5 जनवरी को घोषणा होने के दूसरे दिन सोशल मीडिया पर 20 फीसदी लोगों ने ही इसे लेकर अपना सकारात्मक पक्ष रखा. हालांकि बाद में इसके पक्षधरों की संख्या बढ़ी, लेकिन सोशल मीडिया इंजन के जानेमाने शख्स थॉमसन रायटर के अनुसार, इसमें 70 फीसदी की गिरावट आयी.
जतायी जा रहीं कई आशंकाएं
एक लड़की अपने मासूमियत भरे ट्वीट में लिखती है, ‘प्रिय ट्विटर, ऐसा नहीं करो.’ चर्चित फोटोग्राफर कार्ल बोविस आक्रामक तरीके से अपने विचार व्यक्त करते हैं, ‘10,000 अक्षर के ट्विट? यदि मुझे युद्ध और रक्तरंजित शांति के बारे में ही पढ़ना है, तो मैं अपने मोबाइल को फेंक लाइब्रेरी जाना पसंद करूंगा.’कई उपयोगकर्ता कुछ उदाहरण देकर अपना मत रखते हैं कि यदि इसकी लंबाई बढ़ी, तो यह बंद हो जायेगा. इन्हीं में कैलिफोर्निया की पर्यावरण लेखिका केली जैक्सन लिखती हैं, ‘यदि ट्विटर 10 हजार अक्षरों तक बढ़ता है, तो यह फिल्म की पटकथा जैसी हो सकती है. वह दिन इसे छोड़ने का होगा.’
हॉलीवुड अभिनेता पाउल कार्टेनी अपने ट्वीट में लिखते हैं, ‘इतना लंबा स्क्रिप्ट किसी राजकुमारी दुल्हन के द्वारा एक सनक के साथ रस्सी से सहारे चट्टान पर चढ़ने और कुश्ती की तरह होगा, जिसमें लड़ाई के दृश्य ही 6,400 अक्षरों के होंगे.’फॉर्च्यून पत्रिका के जानेमाने लेखक मैथ्यू इनग्राम का इस बारे में आ रही प्रतिक्रियात्मक ट्वीट के बारे में कहना है, ‘यह ज्यादातर लोगों के लिए सदमा और आतंक की तरह लग रहा था.
बहुत से लोग कह रहे थे- ओह! यह तो भयावह है, मैं ट्विटर छोड़ने जा रहा हूं. यह ट्विटर का अंत होने जा रहा है. कई लोग व्यंग्यात्मक ढंग से कहते हैं, ‘हां, यह ट्वीट के माध्य में एक पत्रिका के फीचर को स्क्रॉल करने का बहुत ही हास्यास्पद विचार है.’ अधिकतर लोगों के मन में बेचैन करनेवाला सवाल है, ‘ट्विटर की शब्दसीमा स्काइरॉकेट की तरह बढ़ाने की जरूरत क्या है?
फिलहाल बदलाव की पुष्टि नहीं
हालांकि, ट्विटर के सीइओ जैक डोर्सी ने इस बदलाव की अभी पुष्टि नहीं की है, लेकिन इसके संकेत अवश्य दिये हैं. उनका कहना है, ‘हम यही देखने में काफी समय गुजार देते हैं कि लोग ट्विटर पर क्या कर रहे हैं और उन्हें टेक्स्ट को पढ़ते एवं ट्वीट करते हुए देखते हैं. आगे उन्होंने ट्वीट किया, ‘इसके अलावा टेक्स्ट क्या है. इसकी वास्तविकता क्या है? उसे खोजा जा सकता है. वह काफी चर्चित हो सकता है. यही कारण है कि इसकी उपयोगिता और ताकत अधिक है.’
ट्विटर : तथ्य और ताकत
– ट्विटर माइक्रोब्लाेगिंग की निःशुल्क सेवा है, जिसकी स्थापना 21 मार्च, 2006 को इवान विलियम्स, नोह ग्लास, जैक डॉर्सी और बिज स्टोने ने की है. इसका मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया में है. जस्ट सेटिंग अप माइ ट्वीटर के साथ की गयी शुरुआत में इसे ‘स्टैट डॉट अस’ का नाम दिया गया, जिसे बाद में बदल कर ट्विटर कर दिया गया. इसे शुरू करने का मकसद मोबाइल के शॉर्ट मैसेज सर्विस (एसएमएस) को नया असरदार रूप देना था, जो इंटरनेट के जरिये निःशुल्क हो. इसी वजह से इस पर ट्वीट के अक्षरों की सीमा 140 निर्धारित की गयी.
– इसके जरिये यह अासानी से पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति किसी समय में क्या कार्य कर रहा है और अपनी सक्रियता को किस दिशा में मोड़ने में तत्काल कार्य कर सकता है. अंगरेजी या हिंदी के 140 अक्षरों से औसतन 20 शब्द बनते हैं. एक सशक्त शुरुआती विचार को व्यक्त करने के लिए इतने शब्दों को पर्याप्त माना गया है.
– इस पर उपलब्ध कई सुविधाओं का इस्तेमाल व्यक्ति विशेष के अलावा भारत समेत कई देशों की सरकारें, संगठन, राजनीति पार्टियां, समाचार एजेंसियां, मीडिया और अन्य समूह कर रहे हैं. उनके लिए लोगों को विभिन्न आयोजनों की सूचनाएं प्रदान करना मुख्य है. अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सचिन तेंडुलकर, ओबामा, नरेंद्र मोदी, सुरेश प्रभु जैसे लोगों का यह पसंदीदा मंच बन चुका है.
– यह दुनिया की 32 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है और रोजाना 32 करोड़ से अधिक ट्विटर के जरिये 50 करोड़ से ज्यादा ट्वीट किये जाते हैं.
– अलास्का इंटरनेट के विश्लेषक की नजर में यह दुनिया की सबसे लोकप्रिय वेबसाइट है तथा इसकी 26वीं श्रेणी है.
– सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसके लिए इस्तेमाल किये जानेवाले पासवर्ड में 370 अक्षरों की मनाही है. इसने 12345 और अंगरेजी के पासवर्ड जैसे शब्दों को पासवर्ड की तरह इस्तेमाल पर रोक है.
– किसी ट्वीट को पसंद- नापसंद करने के चिह्न स्टार बटन को हटा कर दिल के शेप के बटन में बदल दिया गया. यह बदलाव फेसबुक को ध्यान में रखते हुए किया गया. इसका इस्तेमाल पेरिस्कोप लाइवस्ट्रीमिंग एप में किया गया, जो बाद में वाइन पर भी आया. हालांकि यह बदलाव कुछ लोगों के लिए झुंझलाहट भरा रहा, जबकि ट्विटर के प्रोडक्ट मैनेजर की मानें, तो दिल एक युनिवर्सल सिंबल है, जो भाषा, संस्कृति और समय की पाबंदियों से हट कर है.
– ट्विटर के बाय बटन का इस्तेमाल कर खरीदारी की जा सकती है और अलग से ऑफलाइन भुगतान भी किया जा सकता है. यह सुविधा लुकअप के साथ साझेदारी से मिली है. इस्तेमालकर्ताओं के लिए ट्विटर एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस का उपयाेग होता है, जबकि लुकअप गूगल मैप्स के जरिये विक्रेताओं की सूचना मिलती है.
– आइओएस और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर वीडियो स्वतः चल पड़ने अर्थात प्ले होने या म्यूट होने की सुविधा है. हालांकि यह स्मार्टफोन की बैटरी और इंटरनेट डेटा पर असर करता है.
– ट्विटर इस्तेमाल करनेवालों को ‘फेक यूजर सर्च’ के जरिये नकली फोलोआर का पता चल जाता है. यदि आप अपने चहेते बॉलीवुड सितारों या सेलिब्रेटी के ट्वीट एक ही प्लेटफॉर्म पर पढ़ना चाहते हैं, तो टॉप इंडिया ट्वीट्स है. टॉप ट्रेडिंग टॉपिक, फनी ट्वीट्स और ट्वीडॉट की अलग-अलग विशेषताएं हैं.
– जैक डोर्से अक्तूबर, 2015 में इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाये गये थे. उसके बाद से लुभावना बनाने के सिलसिले में वे मूमेंट्स फीचर शुरू कर चुके हैं.
– सीधे संदेश के मामले में यह बीते साल जुलाई में 140 शब्दों की सीमा पहले ही खत्म कर चुका है, जिससे इस्तेमालकर्ता को लंबे निजी संदेश भेजने की सुविधा है.
– इस पर अप्रैल, 2015 से नया फीचर हाइलाइट्स आया, जिससेे रिच पुश के जरिये दिनभर के अच्छे ट्वीट्स की जानकारी मिल जाती है.
दस हजार से कम अक्षरों में हैं दुिनया के कई श्रेष्ठ भाषण
‘डि जिटल टाइम्स’ पर कैमी हर्बल्सन ने ट्वीट की अक्षर संख्या बढ़ाने की अनुपयोगिता पर चर्चा करते हुए इसे ट्विटर इस्तेमाल करनेवालों के लिए अव्यवहारिक बताया है. उनका कहना है, ‘दस हजार अक्षरों के आलेख की संल्पना को कम समय में समझना आसान नहीं हो सकता है.
दस हजार अक्षरों के दस्तावेजों को सहज ढंग से नहीं लिया जाना चाहिए. इन्हें पढ़ने के लिए कम-से-कम आठ-दस मिनट का समय लग सकता है. शायद ही कोई इसे इंटरनेट पर पढ़ने की हिम्मत जुटा पायेगा.’ कैमी ने दुनिया में बड़े बदलाव लानेवाले सात विश्वस्तरीय सर्वश्रेष्ठ दस्तावेजी भाषणों का हवाला देते हुए कहा कि वे दस हजार अक्षरों से भी कम थे, लेकिन उनकी उपयोगिता और महत्ता काे कभी नहीं भूला जा सकता है. उनका कहना है कि इसकी तुलना में हैशटैग ‘ट्विटर10के’ तो मस्तिष्क में उबाल लानेवाला साबित हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1947 में 14 अगस्त की रात भारत की आजादी के फैसले का पंडित जवाहरलाल नेहरू का महत्वपूर्ण भाषण 8,112 अक्षरों का था. 19 नवंबर, 1863 को अब्राहम लिंकन का गिट्सबर्ग संबोधन 1,450 अक्षरों का था.
इसी तरह से सुसन बी एंथोनी द्वारा महिलाओं के मताधिकार पर दिया गया भाषण 3,070 अक्षरों का और 1917 में लेनिन का साेवियत संघ में सभी लोगों को पावर देने संबंधी भाषण 3,011 अक्षरों का ही था. जॉन केनेडी तक ने ‘आस्क नॉट’ के उद्घाटन भाषण 7,614 अक्षर, वर्ष 1933 में ‘अपने भीतर का भय ही केवल हमें डराती है’ विषय पर दिया गया लंबा भाषण 8,984 और मार्टिन लूथर किंग द्वारा भविष्य के सपने दिखानेवाला भाषण भी 4,780 अक्षरों का ही था.
एक बड़ी खुली पुस्तक के फड़फड़ते पन्ने के आगे खड़े एक व्यक्ति की तसवीर के साथ एक फिल्म निर्माता ने ट्वीट किया है, ‘अक्षर सीमा बढ़ने पर क्या आपकी स्थिति ऐसी ही होगी?’ अमेरिका में रह रहे पाकिस्तान के अली हसन ने भी अपने ट्वीट के साथ एक तसवीर लगायी है, जिसमें एक व्यक्ति लंबे पुराने दस्तावेज के अक्षरों को मैग्निफाइंग ग्लास से पढ़ने की कोशिश कर रहा है.
इस पर उनका व्यंग्य करता ट्वीट है, ‘यह कुछ इस तरह से 10के अक्षरों का ट्वीट दिखता है.’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘इस ट्वीट में गलतियां कैसे निकालें?’ केन्या में पत्रकारिता के एक छात्र का थकान की सुस्त तसवीर के साथ ट्वीट है कि करीब 10के ट्वीट को पढ़ना खत्म करने के बाद कुछ ऐसा हो जायेगा.’
बहरहाल, अब अगर अपने यहां के ट्विटर इस्तेमाल करनेवालों की बात करें, तो अधिकतर के मन में इसे लेकर ठीक वैसी ही दुविधा और असमंजस की स्थिति है. जिन्हें छोटे-छोटे संदेश और सूचनाओं का फायदा मिलता रहा है, वे लंबे पोस्ट को लेकर असहज महसूस कर सकते हैं.
आशंका है कि इस सिलसिले में होनेवाली सामयिक घटनाओं की प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया के जरिये फिजुल की बहस और अराजकता को बढ़ानेवाला भी हो सकती हैं. हालांकि ट्विटर के अनुसार, इसके शुरू होने की कोई आधिकारिक तारीख तय नहीं की गयी है. इस संदर्भ में महत्वपूर्ण यह है कि कंपनी के सीइओ और संस्थापक ने 140 अक्षरों की सीमा के ट्वीट को बेहतरीन बताया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement