अलीपुर सेंट्रल जेल के कैदियों को पहला मौका
विकास गुप्ता
कोलकाता : वर्षों से जेल में सजा काटने के दौरान स्वाभाविक जिंदगी में लौटने की कोशिश करने व पेंटिंग बना कर अपने मन की बातें व विचार रखनेवाले जेल के कुछ कैदियों के लिए एक खुशखबरी है. जेल में पेंटिंग बनानेवाले कैदियों को अब अपनी पेंटिंग को ऑनलाइन बेचने का मौका मिलेगा. अब वे अपनी पेंटिंग को वेबसाइट पर ऑनलाइन बेच कर इससे रकम भी हासिल कर सकेंगे. राज्य सरकार के कारागार दफ्तर की पहल से इस योजना को फाइनल रुप दिया गया है. जेल सूत्र बताते हैं कि एक निजी स्वयंसेवी संस्था के साथ मिल कर यह योजना बनायी गयी है. उस स्वयंसेवी संस्था की वेबसाइट पर इन चुनिंदे पेंटिंग को अपलोड किया जायेगा.
सबसे पहले अलीपुर सेंट्रल जेल के 50 कैदियों को अपनी पेंटिंग बेचने का मौका मिलेगा. ऑनलाइन बुकिंग होने पर पेंटिंग की कीमत लेकर इन पेंटिंग को ग्राहकों के पास भेज दिया जायेगा. ऑनलाइन बिकनेवाली पेंटिंग का 40 प्रतिशत हिस्सा सीधे कैदियों को मिलेगा. शेष 60 प्रतिशत राशि को जेल के वेलफेयर फंड में जमा किया जायेगा. मौजूदा समय में अलीपुर सेंट्रल जेल में तकरीबन 45 उम्रकैद की सजा प्राप्त कैदी पेंटिंग बना रहे हैं.
विचाराधीन कैदी पेंटिंग बनाते हैं. प्रेसिडेंसी जेल में इसकी संख्या 35 के करीब है. वहीं अलीपुर महिला जेल में पेंटिंग बनानेवाली महिला कैदियों की संख्या 25 के करीब है. जबकि दमदम जेल में पेंटिंग बनानेवाले कैदियों की संख्या 35 से 40 के करीब है. जेल अधिकारियों को उम्मीद है कि ऑनलाइन शाॅपिंग के इस जमाने में कैदियों की यह पेंटिंग ग्राहकों को अवश्य पसंद आयेगी और उचित मूल्य देकर वे इसे खरीद लेंगे.
इस मामले में राज्य के एडीजी (कारागार) अरुण कुमार गुप्ता बताते हैं कि सबसे पहले चुनिंदा बेहतर पेंटिंग बनानेवाले 50 के करीब अलीपुर जेल के कैदियों की पेंटिंग को निजी स्वयंसेवी संस्था की आॅनलाइन साइट पर डाली जायेगी.
इसके बाद धीरे-धीरे राज्य के सभी जेलों में कैदियों द्वारा बनायी गयी बेहतरीन पेंटिंग को इस वेबसाइट पर रखा जायेगा. जेल के अधिकारियों की इस पहल के कारण एक तरफ ज्यादा से ज्यादा कैदी पेंटिंग बनाने के अलावा अन्य हाथ के काम के प्रति जागरूक होंगे, दूसरी तरफ उन्हें वास्तविक जिंदगी में लाने में इस तरह जेल के अन्य अधिकारियों को मदद भी मिलेगी.